नकली शराब मामले में स्प्रिट सप्लायर सपड़ाया, केडिया डिस्टिलरी की चुराता था स्प्रिट

स्प्रिट से शराब बनाए जाने के गोरखधंधे में शामिल एक और युवक को पुलिस द्वारा अपनी गिरफ्त में लिया गया है। युवक नकली शराब बनाने में लिप्त युवकों को स्प्रिट की सप्लाई करता था। आरोपी द्वारा केडिया डिस्टिलरी भेजे जाने जाने वाली स्प्रिट को चुरा कर इन युवकों को मुहैया कराता था।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नकली शराब मामले में पुलिस के हत्थे चढ़े युवकों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर पुलिस इस युवक तक पहुंची है। सीएसपी विवेक शुक्ला ने बताया कि आरोपियों को स्प्रिट मुहैया कराने वाला युवक विनोद यादव (21 वर्ष, मंदिर हसौद) पेशे से ड्रायवर है। वह अवधेश ट्रांस्पोर्ट में टैंकर चलाता है। टैंकर के माध्यम से स्प्रिट को केडिया डिस्टिलरी से मंदिर हसौद की एचपीसीएल कंपनी में ले जाने का कार्य उसके जिम्मे था। बोरसी भाठा की पैराडाइस कॉलोनी से पुलिस के सपड़ आए युवकों से विनोद से संपर्क कर उन्हें स्प्रिट उपलब्ध कराने के लिए तैयार किया था। इसके ऐवज में उसे 5 हजार रु. देने का लालच दिया गया था। इस लालच में विनोद आ गया था। केडिया डिस्लरी से स्प्रिट लेने के बाद वह सुनसान इलाके में टैंकर की सील को तोड़ कर स्प्रिट निकाल कर आरोपियों को दे देता था। जिसके बाद सील को फिर से लगाकर टैंकर से स्प्रिट मूल स्थान पर पहुंचा देता था। आरोपियों को दो बार स्प्रिट की स्पलाई किए जाने की जानकारी विनोद ने पुलिस को दी है।
गूगल से सीखी थी स्प्रिट से शराब बनाना
स्प्रिट से शराब बनाने के तरीके को आरोपियों ने गूगल से देख कर सीखा था। इस बात का खुलासा पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी दीपक साहनी (21 वर्ष, पटना), उमेन्द्र गोयल (19 वर्ष, गुण्डरदेही) तथा वासुदेव देशमुख 20 वर्ष, सकरौद-बालोद) ने किया है। नकली शराब बनाने के लिए बोरसी भाठा की पैराडाइज कालोनी में उन्होंने 8 हजार रु. किराए पर मकान लिया था। आरोपियों के खिलाफ आबकारी एक्ट की धारा 34(2), 36 तथा 49(ए) के तहत कार्रवाई कर जेेल भेज दिया गया है।

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