रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ के पहली तिहार हरेली के मौके पर मुख्यमंत्री निवास पारंपरिक रंग में रंगा हुआ नजर आया। लोग पारंपरिक वेशभूषा में उत्साह के साथ गेड़ी चढ़ रहे थे। यहा खेती किसानी में काम आने वाले पारंपरिक औजार, यंत्रों पशुओं और चरवाहों के वस्त्रों, आभूषणों की प्रदर्शनी लगाई गई थी।
छत्तीसगढ़ के दुग्ध पदार्थों औऱ पशु चारे की विशाल रेंज दिखाई दी। अपूर्व उत्साह के माहौल के बीच पारंपरिक गाजे बाजे के साथ उल्लास से भरे लोग। मुख्यमंत्री निवास में चारों ओर छत्तीसगढ़ी संस्कृति की महक महकी हुई थी। मुख्यमंत्री आवास हरेली के मेले ग्राउंड जैसा लग रहा था।
इस मौके पर मुख्यमंत्री बघेल ने अपने निवास में सपरिवार कृषि यंत्रों की पूजा कर इस साल अच्छी खेती और प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री अपनी पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल, नाती-पोते व पूरे परिवार के साथ उत्सव में शामिल हुए। पूजा समाप्त के बाद लोक गायकों की सुंदर हुंकार भरी। लोक गायकों ने सुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया। मुख्यमंत्री ने अतिथियों से मुलाकात की और गौमाता की पूजा की। जो लोग हरेली के शानदार माहौल को विस्मृत कर चुके थे उनके लिए यह पल पुनः अतीत की बहुत सी स्मृतियों को जगा गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री में किशोरों की भांति उर्जा नजर आई, गेड़ी पर चढ़कर सरपट चले। फिर उन्होंने रहचुली झूले का परिवार सहित आनंद लिया। उन्होंने अपने हाथों में रखकर भौंरा चलाया। छत्तीसगढ़ी संस्कृति में रचे बसे उनके बचपन की झलक आज इस कुशलता में दिखी। हरेली तिहार के मौके पर परंपरागत खेलों का भी सुंदर आयोजन भी किया गया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली तिहार पर अत्याधुनिक तकनीक से मुख्यमंत्री निवास में जन्मी बछिया और साहीवाल प्रजाति की उसकी माँ की पूजा=अर्चना की और उन्हें घास खिलाया। बछिया का जन्म विगत 7 जून को लिंग वर्गीकृत वीर्य विधि के माध्यम से हुआ है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के शुभंकर बछरू को प्रदर्शित किया। ओलंपिक के सारे खेल से शामिल गीत की सुंदर प्रस्तुति दी गई।