छत्तीसगढ़ की राजधानी में नकली दवा की फैक्ट्री का भंडाफोड़, 10 करोड़ से अधिक की नकली दवाएं बरामद

रायपुर (छत्तीसगढ़)। प्रदेश की राजधानी में नकली दवा फैक्ट्री का खुलासा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने किया है विभाग के अधिकारियों ने गुरुवार को दबिश दी और एक छोटे से दिखने वाले मेडिकल स्टाेर के भीतर संचालित फैक्ट्री को पकड़ा। यहां से करीब 10 करोड़ की फर्जी और मिलावटी दवाएं मिलीं हैं। इन्हें आयुर्वेदिक बताकर बेचा जा रहा था। लाखों लोगों तक इसे सप्लाई किया जा चुका है। रायपुर की 4 अलग-अलग दुकानों, एजेंसी में ये छापेमार कार्रवाई हुई है।

इस छापेमार कार्रवाई में अब तक 25 बोरे से ज्यादा माल जब्त किया जा चुका है। विभाग के अफसर, सहायक ड्रग कंट्रोलर बसंत कौशिक को आयुर्वेदिक औषधि के नाम पर एलोपैथिक दवाएं बेचे जाने की शिकायतें मिल रहीं थीं। इसके बाद विभाग के डॉ परमानन्द वर्मा , किशोर ठाकुर राम ब्रिजेश की एक स्पेशल टीम गुरुवार को जांच के लिए निकली। इनपुट के मुताबिक अफसर पहले तो ग्राहक बनकर सिमगा में शारदा मेडिकल स्टोर गए। वहां दवाओं के बारे पूछा फिर टीम ने दुकान के भीतर जाकर छापा मारा। दुकान के भीतर कारोबारी ने अपनी प्रॉपर्टी में पूरा सेटअप लगा रखा था। करोड़ो की फर्जी दवा का स्टॉक मिला, इसे पूरे प्रदेश और आस-पास के राज्यों में भी बेचा जा रहा था।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने शारदा मेडिकल स्टोर से मिली दवा को कालीबाड़ी स्थित शासकीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में टेस्ट किया जांच में एलोपैथिक दवाइयां डिक्लोफेनिक एवं असक्लोफेनिक की मात्रा पाई गई है। आम लोग एलोपैथिक दवाओं के साइड इफेक्ट की वजह से आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज कराना चाहते हैं। इस मौके का फायदा उठाते हुए इन कारोबारियों एलोपैथिक दवाएं मिलाकर जल्द स्वास्थ्य लाभ देने का दावा करते हुए दवा को बेच रहे थे। विभागीय अफसरों के मुताबिक जो एलोपैथिक दवाओं की मात्रा सैंपल्स में मिली हैं उसका स्वास्थ्य पर बहुत गंभीर बुरा असर पड़ता है।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की इस कार्रवाई में रायपुर और आसपास के कुछ मेडिकल एजेंसीज में छापे मारे गए हैं। रायपुर के शंकर नगर में गीतांजलि नगर स्थित बजरंग आयुर्वेदिक एजेंसी में भी अफसरों ने जांच की। यहां से 12 लाख 66 हजार टेबलेट मिले हैं, जिनकी बाजार में कीमत 2 करोड़ है। इसी इलाके में याशिका ट्रेडिंग एवं मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के स्टोर और बीरगांव स्थित वेयरहाउस से भी लाखों का सामान मिला है। सिमगा की शारदा मेडिकल स्टोर से 5 करोड़ की गोलियां और इन्हें तैयार करने की चीजें बरामद की गई है।

ये सभी करोबारी समूह ऑनलाइन नकली आयुर्वेदिक दवा बेचने का भी काम कर रहे थे। कुछ लोगों को कमीशन देकर दवा बाजार में खपाने का काम करते थे। ये कंपनियां 90 दिनों में बालों का उगना, कैंसर, जोड़ो का दर्द एक माह में दूर करने का दावा करते हुए बिज़नेस कर रही थीं।
अधिकारियों के अनुसार उज्जैन में निर्माण दिखा कर रायपुर में अवैध तरीके से दवा बनाई जा रही थी और इसकी पैकेजिंग की जा रही थी। छापेमार कार्रवाई में 11 औषिधि निरीक्षक सहित 20 अधिकारी शामिल थे। नीरज साहू, सुरेश साहू, टेकचंद, परमानंद, लक्ष्मी कौशिक, श्रुति, ओमप्रकाश एवं बलौदा बाजार तथा दुर्ग जिले के खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अधिकारी इस मामले की जांच में जुटे हुए हैं।