ऑर्केस्ट्रा बार से वसूली केस : महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख 13 माह बाद जेल से रिहा

मुंबई। वसूली मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को बड़ी राहत मिल गई है। 13 महीनों बाद वे जेल से रिहा कर दिए गए हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद ये स्पष्ट हो चुका था कि अनिल देशमुख जल्द ही जेल से रिहा कर दिए जाएंगे। सीबीआई की स्टे वाली याचिका को खाजिर किया गया था, ऐसे में देशमुख को ये राहत मिलना तय था।

अब बुधवार दोपहर को अनिल देशमुख ऑर्थर रोड जेल से बाहर आ गए हैं। एनसीपी नेताओं ने उनका स्वागत किया है, कई कार्यकर्ता भी मौके पर जश्न मनाते देखे गए। जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें अनिल देशमुख भी खुश नजर आ रहे हैं। उन्हें इस बात की राहत है कि वे आखिरकार जेल से बाहर आ गए हैं।

रिहाई के बाद पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि परम बीर सिंह ने शपथ पत्र में लिखा कि उन्होंने सुनी सुनाई बातों पर मुझ पर इल्जाम लगाया था। उसी प्रकार परम बीर सिंह के नजदीकी API सचिन वाजे के बारे में जब हाई कोर्ट में सुनवाई हुई तो कोर्ट ने पाया कि उसका आपराधिक इतिहास है। हाई कोर्ट ने पाया कि जो आदमी अपराधी है उसके आरोप पर विश्वास करना मुश्किल है और उसके आरोप में कोई तथ्य नहीं है और जब सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई हुई तो कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर मुहर लगाई।

इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने तो 12 दिसंबर को ही अनिल देशमुख को जमानत दे दी थी। लेकिन तब सीबीआई अपनी आगे की कार्रवाई कर सके, इसलिए एजेंसी को भी 10 दिन का समय दिया गया था। उन दस दिनों तक देशमुख को जेल में ही रहना था।

उन 10 दिनों के अंदर सीबीआई की सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी थी। वहां पर देशमुख की जमानत को चुनौती दी जानी थी। लेकिन क्योंकि छुट्टियों का दौर शुरू हो गया था, ऐसे में मामले की सुनवाई जनवरी से पहले संभव नहीं थी। तब सीबीआई ने फिर बॉम्बे हाई कोर्ट का ही रुख किया जहां से एजेंसी को झटका लगा और अनिल देशमुख का जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ हो गया।

बता दें कि वसूली कांड में अनिल देशमुख के पिछले साल नवंबर में गिरफ्तारी हुई थी। इस एक केस ने तब की महा विकास अघाड़ी सरकार को मुश्किलों में डाल दिया था। एक के बाद एक इतने आरोप लगे थे, सराकर के लिए जवाब देना मुश्किल साबित हो रहा था। असल में देशमुख पर आरोप था कि उन्होंने महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहते हुए अनिल देशमुख ने एपीआई सचिन वाजे को ऑर्केस्ट्रा बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के आदेश दिए जाने का आरोप है।