शिवनाथ नदी में हुए एक के बाद एक हादसे पर हादसे : एसडीआरएफ की टीम ने लगातार चलाया रेस्क्यू आपरेशन

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। शहर की सीमा पर स्थित शिवनाथ नदी में आज सबेरे हादसे पर हादसे होते रहे। इन हादसों में फंसे लोगों को बचाने में एसडीआरएफ की टीम लगातार जुटी रही। मोटरबोट से जवान नदी की मानिटरिंग करते नजर आए। वहीं बचाव कार्य में सामान्य तौर पर उपलब्ध होने वाले सामान खाली डिब्बों (जैरी कैन), बोतल, गुंडी नुमा बर्तन, और घर में पाई जाने वाली रस्सी व अन्य उपयोगी सामानों का भी उपयोग किया।

दरअसल यह आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा आयोजित एक मॉकड्रिल थी। मॉकड्रिल के लिए एसडीआरएफ की टीम संसाधनों के साथ शिवनाथ नदी के पुराने पुल के पास जुटी और फिर हादसो का सिलसिला प्रारंभ हो गया। किसी भी प्राकृतिक व आप्राकृतिक आपदा के समय तत्काल राहत व बचाव कार्य को त्वरित व प्रभावी रूप से संपादित करने वाली एसडीआरएफ की टीम ने आज पुलगांव चौक के आगे शिवनाथ नदी पर मॉकड्रिल कर रेस्क्यू किए जाने का सफल चित्रण किया। मॉकड्रिल का तानाबाना काल्पनिक रचना के साथ शुरू किया गया जिसमें एक व्यक्ति खड़ा था जिसे अचानक पानी के बीचों बीच किसी हलचल का आभास हुआ। जब उसने ध्यान से देखा तो पाया कि पानी में कोई व्यक्ति डूब रहा है। उसने बिना किसी देरी के अपने मोबाईल से एसडीआरएफ की टीम से संपर्क साधा और उसने घटनाक्रम की सूचना दी।

एसडीआरएफ की टीम तुरंत घटना स्थल पर अपने युनिट और रेस्क्यू यंत्रों के साथ पहुंची। उनके साथ प्राथमिक उपचार के लिए मेडिकल टीम भी थी। एसडीआरएफ की टीम बिना समय गवाएं बोट में बैठकर पानी के बीच में फंसे व्यक्ति की पास पहुंची और उसे किनारे लाकर स्ट्रेचर के माध्यम से प्राथमिक उपचार के लिए लगे कैम्प पर ले गई। कैम्प में उपस्थित डॉक्टरों द्वारा व्यक्ति को इनक्यूबेट कर लाइफ सेविंग ड्रग देकर तुरंत पास खड़ी एंबुलेंस के माध्यम से महमरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया जहां व्यक्ति का सफल इलाज कर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।

मॉकड्रिल की प्रक्रिया को संपादित करने वाले नागेंद्र कुमार सिंह (जिला सेनानी नगर सेना एवं आपात सेवा) ने बताया कि मॉकड्रिल की इस प्रक्रिया में यहां उपस्थित जनों को घरेलू या वेस्ट सामाग्रियों का उपयोग कर किस प्रकार रेस्क्यू मिशन को अंजाम दिया जाता है उसके संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई गई। उन्होंने खाली डिब्बों (जैरी कैन), बोतल, गुंडी नुमा बर्तन, और घर में पाई जाने वाली रस्सी व अन्य उपयोगी सामानों का उपयोग कर कैसे रेस्क्यू किया जा सकता है उसके बारे में उपस्थित जनों को लाइव डेमो मुहैया कराया। इसके साथ-साथ उन्होंने रेस्क्यू मिशन में उपयोग में आने वाले आधुनिक यंत्र जैसे स्कूबा डाइविंग शेड, विक्टिम लोकेशन कैमरा, अंडर वाटर कैमरा, लाइव डिटेक्टर सेंसर के बारे में विस्तार से जानकारी मुहैया कराई।

इस मौके पर कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा, अपर कलेक्टर पदमनी भोई, मुकेश रावटे अनुविभागीय अधिकारी, प्रवीण वर्मा संयुक्त कलेक्टर, योगिता देवांगन संयुक्त कलेक्टर, गोकुल राम रावटे संयुक्त कलेक्टर, डॉ. सी.बी.एस. बंजारे, डॉ. देवेन्द बेलचंद, डॉ जया ताम्रकार, एसडीआरएफ की टीम व स्वास्थ्य विभाग से संबंधिकारी अधिकारी एवं कर्मचारी गण उपस्थित थे।