जिले की सीमाएं कल मध्यरात्रि से होगी सील, लॉकडाउन से 10 नगरीय निकाय व 17 ग्राम पंचायत रहेंगी प्रभावित

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने कहा है कि दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण फैलने की स्थिति राज्य के अन्य जिलों से कम है। इसके बावजूद पिछले सप्ताह में संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इस स्थिति को नियंत्रित करने जिले में एक सप्ताह का लॉकडाउन लगाए जाने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के अनुपालन में बुधवार की मध्य रात्रि से जिले की सीमाएं सील कर दी जाएगी। वहीं लॉकडाउन को सार्थक बनाने पुलिस अमला पूरी तरह चौकस रहेगा।
कलेक्टर आज पत्रकारों से लॉकडाउन के संबंध में चर्चा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि जिले के 10 नगरीय निकायों व 17 ग्राम पंचायतों में लॉकडाउन प्रभावी रहेगा। 23 से 29 जुलाई तक जारी रहने वाले इस लॉकडाउन के दौरान इमरेजेंसी सेवाओं के अल्वा अन्य सभी गतिविधियां बंद रहेंगी। औद्योगिक इकाइयों को इससे मुक्त रखा गया है। वहीं कंस्ट्रक्शन के कार्य उन्हीं स्थानों पर कराए जा सकेंगे जहां मजदूरों के ठहरने की व्यवस्था होगी।
कलेक्टर ने कहा है कि पूर्ण लॉक डाउन जिले के 10 नगरीय निकाय और 17 ग्राम पंचायत क्षेत्र में रहेगी। यहां पर शराब दुकान से लेकर अन्य दुकाने, गुमटी व व्यापारिक प्रतिष्ठान, शासकीय अद्र्धशासकीय व प्राइवेट कार्यालय आम जनता के लिए बंद रहेंगे। वहीं उद्योग संचालकों को निर्देश दिए गए है कि अगर वे श्रमिकों को कैंपस में रखे तो ज्यादा अच्छा है। अन्यथा की स्थिति में वे श्रमिकों के लिए आवागमन की व्यवस्था करे।  लॉक डाउन वाले शहर में वे ही विवाह सामारोह आयोजित कर सकते है जिन्हे पूर्व से अनुममिति मिली है। वहीं पंजीयन की लिए कार्यालय से तिथि ले चुके लोगों को भी रियायत देते हुए पंजीयन कार्यालय जाने की अनुमति दी गई है। कलेक्टर ने कहा है कि जिन ग्राम पंचायतों में पूर्ण लॉक डाउन नहीं है वहां के लिए अलग से गाइड लाइन जारी की गई है। उन्होंने कहा कि इस अवधि में सभी धार्मिक स्थल बंद रहेंगे। उन्होंने बताया कि इस अवधि में कृषि गतिविधियों पर रोक नहीं होगी।
पुलिस रहेगी मुस्तैद
पत्रवार्ता में उपस्थित पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर ने कहा कि लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने के लिए पर्याप्त बल तैनात किया जाएगा। नियमों का उल्लंघन किए जाने पर संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
खुले रहेंगे क्लीनिक
कलेक्टर ने कहा कि लॉक डाउन में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित नहीं रहेगी। प्राइवेट व सरकारी अस्पताल पूर्व की तरह संचालित रहेंगे। ऐसी स्थिति में अगर कोई भी प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टर ईलाज के लिए मरीजों को मना करता है तो उसकी शिकायत तत्काल सीएचएमओ को करे। कलेक्टर ने आम जनता से अपील की है कि अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी समस्या आती है तो वे बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवा न खाए। सीधे मेडिकल स्टोर्स में तकलीफ बताकर दवा न ले।