मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने क्वारेंटीन सेंटर में ठहरे लोगों से की बात, अफसरों से कहा पहचान छुपाने वालों पर होनी चाहिए सख्त कार्रवाई

रायपुर (छत्तीसगढ़). मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए धमतरी, दुर्ग, सरगुजा, बिलासपुर और बस्तर के क्वारेंटीन सेंटरों में ठहरे हुए लोगों, कलेक्टरों और सरपंचों से बात की। उन्होंने लोगों से सेंटरों की व्यवस्था, लोगों के स्वास्थ्य के बारे में पूछा और सुझाव भी मांगे। मुख्यमंत्री ने बातचीत के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाहर से आए ऐसे लोग जो अपनी पहचान छुपा रहे हैं, जिन्होंने प्रशासन को अपने आने की सूचना नहीं दी है, उन पर सख्त कार्यवाई होनी चाहिए।

बिलासपुर के सकरी स्थित मिनीमाता क्वारेंटाईन सेंटर में रूके बिलासपुर तिफरा निवासी केदार साहू ने बताया कि वे महाराष्ट्र के सोलापुर से लौटे हैं। वहां वे राजमिस्त्री का काम करते थे। उन्होंने बताया कि वे आठ दिन पहले छत्तीसगढ़ लौटे हैं। मुख्यमंत्री ने उनसे सेंटर की व्यवस्थाओं के बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि उनके सेंटर में व्यवस्थाएं ठीक है समय पर भोजन, नाश्ता, चाय दी जाती है। साहू ने बताया कि सेंटर में 125 लोग रूके हैं, किसी को भी शिकायत नहीं है।सेंटर में कैरम बोर्ड और रेडियो और टीवी मनोरंजन के लिए उपलब्ध कराए गए हैं।

जगदलपुर के कुम्हरावण्ड के क्वारेंटीन सेंटर में रूकी निर्मला ने बताया कि वे हरियाणा से लौटी है, कपड़े की दुकान में काम करती थी। मुख्यमंत्री ने उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा। निर्मला ने बताया कि उनका स्वास्थ्य ठीक है, कोई तकलीफ नहीं है। सेंटर में भोजन, नाश्ता और मनोरंजन की व्यवस्था है। निर्मला ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि आपने जो ट्रेन चलाई उसी में हम लोग वापस छत्तीसगढ़ आए हैं। इसी सेंटर में रूके जगदलपुर निवासी राजगोपाल पटनायक ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे 19 मार्च को ओडिशा के नवरंगपुर अपने ससुराल गए थे और दो माह बाद 29 मई को वापस लौटे हैं।

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