दुर्ग, 15 मई 2025 – छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के सुपेला थाना क्षेत्र में फरीदनगर से एक बांग्लादेशी महिला को फर्जी पहचान के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई स्पेशल टास्क फोर्स (STF) द्वारा की गई, जो राज्य में विदेशी नागरिकों की अवैध घुसपैठ के खिलाफ पहली बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
गिरफ्तार महिला की असली पहचान पन्ना बीबी, पिता अब्दुल रऊफ, उम्र लगभग 25 वर्ष, मूल निवासी खुलना जिला, बांग्लादेश है। महिला पिछले दो वर्षों से सूरज साव के मकान में किराए पर रह रही थी और “काकोली घोष उर्फ अंजली सिंह” के नाम से फर्जी आधार कार्ड बनवाकर खुद को भारतीय नागरिक के रूप में पेश कर रही थी।

पहचान छिपाकर देशभर में घूमी
STF की पूछताछ में खुलासा हुआ कि पन्ना बीबी ने करीब 8 वर्ष पहले बोन्गांव-पेट्रापोल (पश्चिम बंगाल) बॉर्डर से भारत में अवैध प्रवेश किया था। उसने कोलकाता के सोनागाछी क्षेत्र में पांच साल, दिल्ली में एक साल, और फिर भिलाई में दो साल गुजारे। दिल्ली के निहाल विहार क्षेत्र में एक महिला से संपर्क होने के बाद वह भिलाई आई और वहीं से अपनी फर्जी पहचान के जरिए अस्पतालों में इलाज करवाती रही।
फर्जी दस्तावेजों का खुलासा
पन्ना बीबी ने दिल्ली निवासी परमजीत सिंह के पते का उपयोग कर “अंजली सिंह” के नाम से आधार कार्ड बनवाया। कार्ड पर लगी तस्वीर को जानबूझकर धुंधला रखा गया था। STF द्वारा जब मोबाइल फोन की जांच की गई तो बांग्लादेश के 12 से ज्यादा नंबरों से लगातार संपर्क की पुष्टि हुई, जिनमें उसके पिता, भाई, बहन और अन्य रिश्तेदार शामिल हैं।
मकान मालिक की भी भूमिका संदिग्ध
इस मामले में मकान मालिक सूरज साव पर भी एफआईआर दर्ज की गई है। उसने पुलिस को किराएदार की जानकारी नहीं दी और पहचान छुपाने में मदद की, जो कि कानूनी रूप से अपराध है।
घुसपैठियों पर सख्ती
STF के अधिकारियों के अनुसार, यह छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ शुरू की गई सख्त मुहिम की पहली बड़ी कार्रवाई है। राज्य सरकार अब इस तरह के घुसपैठियों की पहचान और निर्वासन की प्रक्रिया को तेज कर रही है।
