पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने बीजापुर जिले में हाल ही में हुए 22 मौतों वाले एनकाउंटर को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस कार्रवाई को लेकर ऑपरेशन संकल्प की पारदर्शिता और मंशा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
रायपुर में मीडिया से बात करते हुए भूपेश बघेल ने कहा,

“अगर मारे गए लोग नक्सली थे तो उनके शव उनके परिजनों को क्यों नहीं सौंपे जा रहे हैं? सरकार इतना वक्त क्यों ले रही है? वह क्या छुपाना चाहती है?”
बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सुरक्षाबलों को बधाई देते हुए एक ट्वीट किया था, जिसे महज दो घंटे के भीतर डिलीट कर दिया गया।
“अगर ऑपरेशन सफल रहा, तो ट्वीट हटाने की जरूरत क्यों पड़ी?” उन्होंने पूछा।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि गृह मंत्री विजय शर्मा ने बयान दिया कि यह ‘ऑपरेशन संकल्प’ नहीं है, जो सरकार की कहानी को और उलझा देता है।
“सरकार अपनी ही बातों से पलट रही है। या तो उन्हें खुद नहीं पता क्या हुआ, या फिर वे जनता से कुछ छुपा रहे हैं।”
भूपेश बघेल ने मांग की कि सरकार को मृतकों के नाम, उनकी पहचान, नक्सली संबंध और पोस्टमार्टम रिपोर्ट सहित सभी तथ्यों को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि जनता का सुरक्षा बलों पर विश्वास बना रहे।
“अगर सरकार इसे नक्सलियों पर बड़ी जीत बता रही है, तो पारदर्शिता क्यों नहीं? हटाए गए ट्वीट और विरोधाभासी बयान इस ऑपरेशन को संदेह के घेरे में ला रहे हैं। यह हालिया समय का सबसे बड़ा विवाद बनता दिख रहा है,” बघेल ने कहा।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि वे मंगलवार को बीजापुर जाएंगे, जहां वे प्रभावित परिवारों और ग्रामीणों से मुलाकात करेंगे।
“बस्तर की जनता को जवाब चाहिए। मैं खुद लोगों से मिलूंगा और उनकी आवाज को सरकार तक पहुंचाऊंगा।”
कांग्रेस पार्टी ने इस मुठभेड़ की न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा कि सभी संबंधित जानकारियां तुरंत सार्वजनिक की जानी चाहिए।
उधर, राज्य की भाजपा सरकार पर भी इस पूरे मामले में सफाई देने और स्पष्ट रुख अपनाने का दबाव बढ़ता जा रहा है।
