भारत-पाकिस्तान के बीच 100 घंटे तक युद्ध, अंतिम क्षणों में अमेरिकी हस्तक्षेप से लाया गया संघर्ष विराम

नई दिल्ली, 10 मई 2025:
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच लगभग 100 घंटे तक युद्ध जारी रहा, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के बाद 10 मई को शाम 5 बजे से संघर्ष विराम की घोषणा की गई। यह संघर्ष विराम एक ऐसी स्थिति से निकला, जो परमाणु युद्ध की ओर बढ़ सकती थी, एक ऐसा खतरा जिसे दुनिया किसी भी सूरत में झेल नहीं सकती।

अमेरिका ने दोनों देशों के साथ रातभर बातचीत की और युद्ध के दायरे में वृद्धि को रोकने में अहम भूमिका निभाई। संघर्ष की शुरुआत 22 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से हुई, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे। भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवादी हमले में संलिप्तता का आरोप लगाया था, जबकि पाकिस्तान ने इस आरोप को नकारा था।

भारत ने 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के आतंकी शिविरों पर सटीक हमले किए गए। पाकिस्तान ने रात को जवाबी हमले किए, और दोनों देशों के बीच तीन दौर के हमले हुए। 10 मई को दोनों देशों के नागरिकों ने सीमाओं पर एयरस्ट्राइक, ब्लैकआउट्स, और ड्रोन तथा मिसाइल हमलों के लिए तैयारियाँ कीं।

हालांकि, शाम होते-होते यह खबर आई कि अमेरिका ने एक संघर्ष विराम समझौते की पहल की, जिसमें पाकिस्तान से यह शर्त रखी गई कि वह सिंधु जल समझौते को फिर से सक्रिय नहीं करेगा। इससे पहले, भारत ने पाकिस्तान पर 26 शहरी केंद्रों पर हमले का आरोप लगाया था, जिसमें जम्मू-कश्मीर, पंजाब और गुजरात में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया था।

भारत ने पाकिस्तान के हमलों को “कायरतापूर्ण” करार दिया, जिसमें नागरिक सुविधाओं, स्कूलों और चिकित्सा केंद्रों को भी निशाना बनाया गया। भारत ने यह भी कहा कि उसके हमले केवल दुश्मन के सैन्य ठिकानों तक सीमित थे।

पाकिस्तान ने भारत पर “अकारण आक्रमण” का आरोप लगाते हुए 11 नागरिकों की मौत और 50 से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना दी। दोनों देशों ने एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों पर हमले की दावे किए।

इस दौरान भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के हमलों का सफलतापूर्वक मुकाबला किया, जिसमें 300 से 400 ड्रोन हमले भी शामिल थे। भारत के एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलों और C-UAS प्रणाली ने पाकिस्तानी हमलों को नाकाम किया।

रातभर की बातचीत और संघर्ष विराम की घोषणा ने दोनों देशों को एक बड़े युद्ध से बचा लिया, जिससे वैश्विक शांति की उम्मीदें फिर से जागी हैं।

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