सेलूद (छत्तीसगढ़), 3 मई – गुरुवार की दोपहर के बाद सेलूद अंचल का मौसम अचानक पलटा और इसके साथ ही आंधी-तूफान और बारिश ने जमकर तबाही मचाई। तेज हवाओं के साथ आई बारिश ने घरों की छतें उड़ा दीं, बिजली के खंभे गिरा दिए, और सड़कों पर पेड़ धराशायी हो गए, जिससे ग्रामीणों का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया।
किन क्षेत्रों में हुआ नुकसान?
आंधी-तूफान की चपेट में ग्राम मुड़पार, चुनकट्टा, देवादा, अचानकपुर और सेलूद आए। इन गांवों में घरों और दुकानों के टीन शेड उड़ गए, कई बड़े पेड़ टूटकर गिर पड़े, जिससे पक्षियों के घोंसले भी नष्ट हो गए।

बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप
सेलूद, गोंडपेंड्री, छाटा, अचानकपुर और चुनकट्टा में बिजली के खंभे और तार टूट गए, जिससे बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई। बिजली विभाग का मैदानी अमला तूफान के बाद मरम्मत कार्य में जुट गया और लगभग 24 घंटे बाद विद्युत व्यवस्था बहाल की जा सकी।
यातायात पर भी असर
खारुन नदी के तरीघाट पुल पर एक विशाल पेड़ गिर जाने से दोनों ओर बड़े वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। पेड़ को काटकर हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी, तब जाकर यातायात सामान्य हो सका।
प्रशासन की तैयारी पर सवाल
इस प्राकृतिक आपदा ने प्रशासन की आपात व्यवस्था और तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों की मांग है कि क्षति का सर्वे कर जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए।
