रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने उन 2621 B.Ed डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों को बड़ी राहत दी है जिन्हें दो साल पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। अब राज्य सरकार ने इन सभी शिक्षकों को सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) के पद पर पुनः नियुक्त करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। इस निर्णय की घोषणा बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग के बाद की गई, जिसकी जानकारी खुद वित्त मंत्री ओपी चौधरी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अपनी पोस्ट में लिखा:

“सीधी भर्ती 2023 में सेवा समाप्त 2621 बी.एड. डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों का सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन।”
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा:
“हमारी सुशासन की सरकार ने इन शिक्षकों के साथ न्याय किया है। स्कूल शिक्षा विभाग को इनका समायोजन करने के निर्देश दे दिए गए हैं। सभी B.Ed डिग्रीधारी शिक्षकों को बधाई एवं शुभकामनाएं।”
बर्खास्तगी की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि पिछली सरकार में इन सहायक शिक्षकों की स्कूल शिक्षा विभाग में भर्ती की गई थी। लेकिन मामला कोर्ट पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि प्राथमिक स्तर पर पढ़ाने के लिए D.Ed डिग्री अनिवार्य है, न कि B.Ed। इसके चलते 2621 B.Ed धारकों को अयोग्य करार देते हुए नौकरी से हटा दिया गया।
हालांकि, इन शिक्षकों की नियुक्ति शुरुआत से ही सशर्त थी, जिसमें कहा गया था कि उनकी सेवा सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी। फैसले के बाद इन शिक्षकों ने लगातार धरना, प्रदर्शन, और ज्ञापन के जरिए अपनी आवाज़ उठाई।
मुख्यमंत्री से मुलाकात बनी मोड़
18 अप्रैल को इन शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने नया रायपुर में मुख्यमंत्री से भेंट की। इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने सकारात्मक आश्वासन दिया, जिसे सुनकर शिक्षकों ने 126 दिनों से चल रहा आंदोलन सशर्त स्थगित कर दिया था। शिक्षकों ने भरोसा जताया कि भाजपा सरकार उन्हें न्याय देगी — और वही हुआ।
खाली पदों पर पुनर्नियुक्ति
कैबिनेट बैठक में यह स्पष्ट हुआ कि सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) के हजारों पद खाली हैं। इसी आधार पर इन शिक्षकों का पुनः समायोजन किया जाएगा। इस फैसले से 2621 परिवारों में खुशी की लहर है।
