500 करोड़ रुपये से श्रमिकों का जीवन बदलने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा कदम

रायपुर, 30 अप्रैल 2025। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार श्रमिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं के तहत श्रमिकों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए निरंतर आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। सरकार ने पिछले सवा साल में लगभग 500 करोड़ रुपये डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से श्रमिकों के खातों में भेजे हैं।

प्रदेश के श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि अब छत्तीसगढ़ में कोई भी मजदूर का बच्चा मजदूर नहीं बनेगा। श्रम विभाग के माध्यम से राज्य में कई कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, जिनमें प्रमुख हैं: मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना, मिनीमाता महतारी जतन योजना, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार किट योजना, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा प्रोत्साहन योजना, और शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना

इस दिशा में और भी कई योजनाएं लागू की जा रही हैं, जिनसे श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क गणवेश और पुस्तक सहायता मिल रही है। साथ ही, उनके बच्चों के लिए उत्कृष्ट खेल प्रोत्साहन योजना भी चल रही है।

चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में श्रम विभाग के लिए 255 करोड़ 31 लाख रुपये का बजट प्रावधान किया गया है, जो श्रमिकों के विकास को और भी गति देगा। मंत्री देवांगन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच “हर हाथ को काम” को ध्यान में रखते हुए सरकार लगातार श्रमिकों के हित में कार्य कर रही है।

मजदूर दिवस के अवसर पर श्रमिकों के योगदान और संघर्षों को सम्मानित किया जाता है। यह दिवस 1886 में शिकागो के हेमार्केट स्क्वायर में हुए श्रमिकों के विरोध प्रदर्शन की याद में मनाया जाता है, जहां श्रमिकों ने 8 घंटे काम के दिन की मांग की थी। भारत में 1923 में इस दिवस की शुरुआत हुई थी, और डॉ. भीमराव अंबेडकर ने श्रमिकों के कार्यकाल को 12 घंटे से घटाकर 8 घंटे किया था।

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