दुर्ग। शहर के ऐतिहासिक सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर, गंजपारा में 15वां वार्षिकोत्सव एवं चैत्र नवरात्र पर्व का आयोजन भव्यता के साथ किया जा रहा है। आज अष्टमी तिथि पर मंदिर में 56 प्रकार के भोग और 108 पूजा थाल से माता की महाआरती की गई। मंदिर की स्थापना वर्ष 2010 में हुई थी और यह दुर्ग का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां साल में तीनों नवरात्रों में नियमित कन्या पूजन और कन्या भोज का आयोजन किया जाता है।
समिति सदस्य राहुल शर्मा ने बताया कि 30 मार्च से 6 अप्रैल तक प्रतिदिन प्रातः 9 बजे माता का अभिषेक, दोपहर 12 बजे 50 से अधिक कन्याओं का पूजन व भोज कराया गया। पायल जैन द्वारा प्रतिदिन कन्याओं को स्कूल बैग, टिफिन बॉक्स, कॉपी, पेन व खेल सामग्री भेंट की गई।

अष्टमी के अवसर पर दोपहर में 56 भोगों में मिष्ठान, नमकीन, फल, पंचमेवा, पूड़ी, हलवा, मालपुआ, खीर आदि शामिल रहे। रात्रि 7 बजे 108 दीपों और पूजा थालों से महाआरती और विशेष श्रृंगार, इसके बाद हवन पूजन का आयोजन हुआ जो देर रात तक चला।
6 अप्रैल रामनवमी को प्रातः 7 बजे ज्योति कलश विसर्जन, दोपहर 12 बजे राम जी का अभिषेक, आरती और प्रसाद वितरण किया जाएगा। शाम 4 बजे माँ दुर्गा की भव्य पालकी यात्रा निकाली जाएगी, जो शहरभर में भ्रमण करते हुए मंदिर प्रांगण में समापन करेगी।
शोभायात्रा में छत्तीसगढ़ी संस्कृति से सजी झांकियाँ, डीजे, बैंड पार्टी, घोड़ा-बग्गी, रथ और माता की सजीव झांकी शामिल होंगी। समिति के सदस्य, शहर के धर्मप्रेमी और विभिन्न समाज के लोग आयोजन में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
यात्रा मार्ग: दुर्गा मंदिर → जीई रोड → गंजपारा → शनिचरी बाजार → गांधी चौक → सदर बाजार → इंदिरा मार्केट → पोलसाय पारा चौक → गुजराती धर्मशाला → तमेरपारा → कंकालिन चौक → चंडी चौक → शिवपारा → सिद्धार्थ नगर → सत्तीचौरा दुर्गा मंदिर।
इस अवसर पर प्रवीण भूतड़ा ने टेंट, कूलर, लाइट्स की व्यवस्था की। सजावट जय दुर्गा लाइट डेकोरेशन, संजय लाइट, चक्रधारी टेंट हाउस और कलकत्ता के प्रसिद्ध फूल कलाकारों द्वारा की गई।
इस वर्ष मुख्य यजमान प्रज्ञा राहुल शर्मा हैं। पूजन कार्य मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित सुनील पांडेय, आचार्य विक्रांत दुबे एवं आचार्य आकाश दुबे के मार्गदर्शन में हो रहे हैं।
