दुर्ग, 30 मार्च 2025: प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत कोलिहापुरी पंचायत भवन में महागृह प्रवेश उत्सव का आयोजन किया गया। हिंदू नववर्ष, चैत्र प्रतिपदा और नवरात्रि के शुभ अवसर पर हजारों ग्रामीण परिवारों ने अपने नवनिर्मित पक्के घरों में प्रवेश किया। यह ऐतिहासिक दिन उनके लिए सपने के साकार होने जैसा था और आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम।
गरीबों के लिए वरदान बनी आवास योजना
मुख्य अतिथि दुर्ग ग्रामीण विधायक श्री ललित चंद्राकर ने इस मौके पर दस लाभार्थियों को मकान की चाबी और दस अन्य हितग्राहियों को आवास स्वीकृति पत्र सौंपे। उन्होंने इस योजना को गरीबों के लिए एक वरदान बताते हुए कहा, “हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका खुद का घर हो, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह सपना साकार हो रहा है।”

दुर्ग ने रचा इतिहास, प्रदेश में पहले स्थान पर
विधायक श्री चंद्राकर ने बताया कि दुर्ग जिले ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सर्वाधिक आवासों का निर्माण कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर गरीबों और जरूरतमंदों के लिए लगातार काम कर रही हैं।
महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की सरकारों ने गरीबों के उत्थान के लिए कई योजनाएँ चलाई हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
✅ जन-धन योजना: करोड़ों गरीबों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ा गया।
✅ उज्ज्वला योजना: लाखों महिलाओं को गैस कनेक्शन देकर सुरक्षित और स्वास्थ्यप्रद जीवन दिया गया।
✅ रोटी, कपड़ा और मकान की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास।
9203 आवास स्वीकृत, हजारों को मिली सहायता
इस अवसर पर कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने सभी लाभार्थियों को बधाई देते हुए बताया कि अब तक:
🏡 9203 आवास स्वीकृत किए गए।
🏡 5537 लाभार्थियों को पहली किश्त जारी।
🏡 4409 को दूसरी किश्त प्राप्त।
🏡 2313 आवास पूरी तरह तैयार और सौंपे गए।
उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि जिनका आवास निर्माण अधूरा है, वे ग्राम पंचायत में पंजीयन कर जल्द लाभ प्राप्त करें।
दुर्ग जिले में विकास की नई इबारत
इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री बजरंग दुबे, प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहे। इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि प्रधानमंत्री आवास योजना से दुर्ग जिले के हजारों परिवारों का जीवन बदल रहा है और यह समाज के कमजोर वर्ग को मुख्यधारा में लाने का एक सशक्त माध्यम बन चुका है।
