रायपुर, 27 मार्च 2025। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार नागरिकों को स्मार्ट और डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। इसी क्रम में रायगढ़ स्थित स्व. श्री लखीराम अग्रवाल स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में ओपीडी पंजीयन क्षेत्र को फ्री वाई-फाई ज़ोन में तब्दील कर दिया गया है। यह सुविधा राज्य के किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में पहली बार लागू की गई है।
इस अभिनव पहल को स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल एवं वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी के मार्गदर्शन में, अधिष्ठाता डॉ. विनीत जैन एवं अस्पताल अधीक्षक डॉ. एम. के. मिंज के नेतृत्व में क्रियान्वित किया गया है।

आभा एप से पंजीकरण में होगी आसानी
मरीजों और उनके परिजनों को अब आभा एप के माध्यम से डिजिटल पंजीयन करने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। फ्री वाई-फाई जोन की सुविधा से अब मरीज अपने मोबाइल फोन पर आभा एप का उपयोग कर आसानी से ओपीडी टोकन प्राप्त कर सकते हैं। इससे पर्ची कटाने की पारंपरिक प्रक्रिया अधिक सरल, तेज और पारदर्शी हो जाएगी।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. एम. के. मिंज ने बताया कि
“पहाड़ी क्षेत्र में स्थित होने के कारण कई मरीजों को नेटवर्क की समस्या आती थी, जिससे डिजिटल पंजीयन में दिक्कतें होती थीं। इस बाधा को दूर करने के लिए ओपीडी क्षेत्र को फ्री वाई-फाई जोन में तब्दील किया गया है।”
नेशनल मेडिकल कमिशन के निर्देशों का पालन
नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) द्वारा 4 जून 2024 को जारी निर्देशानुसार, सभी मेडिकल कॉलेजों को यह सुनिश्चित करना है कि ओपीडी, आईपीडी और आपातकालीन सेवाओं में आने वाले मरीजों का पंजीकरण आभा आईडी के माध्यम से ही हो।
इन्हीं दिशा-निर्देशों के अनुपालन में छत्तीसगढ़ में यह पहल शुरू की गई है।
डिजिटल हेल्थ मिशन की ओर बड़ा कदम
इस सुविधा से रायगढ़ मेडिकल कॉलेज छत्तीसगढ़ में डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को अपनाने वाले अग्रणी संस्थानों में शामिल हो गया है। यह कदम डिजिटल हेल्थ मिशन को मजबूती देने के साथ-साथ मरीजों के समय और संसाधनों की बचत भी करेगा।
क्या होंगे इसके फायदे?
✅ डिजिटल पंजीयन में तेजी आएगी
✅ मरीजों को पर्ची कटाने के लिए लंबी लाइन में नहीं लगना पड़ेगा
✅ नेटवर्क समस्या से मिलेगी राहत
✅ पंजीयन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक होगी
इस पहल से रायगढ़ मेडिकल कॉलेज, छत्तीसगढ़ में तकनीकी समावेशन वाले चिकित्सा संस्थानों की अग्रिम पंक्ति में खड़ा हो गया है। यह निश्चित रूप से डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में एक अनुकरणीय कदम है।
