न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजने की सिफारिश, आधिकारिक आवास से कैश बरामदगी मामला

नई दिल्ली, 24 मार्च 2025सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा को उनके मूल न्यायालय इलाहाबाद हाईकोर्ट में भेजने की सिफारिश की है। यह फैसला उनके सरकारी आवास से अघोषित नकदी बरामद होने के कुछ दिनों बाद लिया गया है।

कैसे सामने आया मामला?

14 मार्च की रात दिल्ली के तुगलक रोड स्थित सरकारी आवास में आग लगने के बाद दमकल विभाग (DFS) और पुलिस कर्मियों ने वहां बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की, जिसमें से कुछ जल चुकी थी। उस वक्त न्यायमूर्ति वर्मा और उनकी पत्नी भोपाल में थे

न्यायमूर्ति वर्मा ने आरोपों को बताया साजिश

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने इस नकदी से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया और इसे उनके खिलाफ साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें बदनाम करने की साजिश रची जा रही है

सुप्रीम कोर्ट का फैसला और HCBA का विरोध

20 मार्च को, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से न्यायमूर्ति वर्मा को उनके मूल इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की सिफारिश की। हालांकि, दो न्यायाधीशों ने केवल स्थानांतरण को अपर्याप्त बताते हुए उनके खिलाफ तत्काल जांच की मांग की

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (HCBA) ने इस स्थानांतरण का विरोध किया और इसे न्यायपालिका के लिए गंभीर सवाल बताया। एसोसिएशन ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट कोई “कचरे का डिब्बा” नहीं है जहां ऐसे मामलों को भेजा जाए।

जांच के लिए बनी तीन सदस्यीय समिति

22 मार्च को, मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने तीन सदस्यीय समिति गठित कर न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के निर्देश दिए।

न्यायमूर्ति वर्मा का करियर

  • 2016: इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त।
  • 2021: दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित।
  • उत्तर प्रदेश सरकार के स्थायी अधिवक्ता के रूप में भी सेवाएं दीं।

अब जब मामला जांच के दायरे में है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि न्यायपालिका की पारदर्शिता और जवाबदेही को बनाए रखने के लिए आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।

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