रायपुर: छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने सोमवार को घोषणा की कि राज्य सरकार जल्द ही अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए एक सख्त कानून लेकर आएगी। यह बयान उन्होंने विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के आरोपों के जवाब में दिया।
विधायक अजय चंद्राकर के आरोप
अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि राज्य में “चंगाई सभाओं” (धार्मिक उपचार सभाओं) के माध्यम से भोले-भाले और गरीब लोगों को विभिन्न प्रकार के प्रलोभनों में फंसाकर धर्मांतरण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई गैर-सरकारी संगठन (NGOs), जो स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक कार्यों के लिए बनाए गए हैं, विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल धर्मांतरण के लिए कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि बस्तर जिले में पंजीकृत 19 संस्थानों में से 9 और जशपुर जिले के 18 संस्थानों में से 15 ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। जशपुर जिले को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का गृह जिला बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में सबसे अधिक धर्मांतरण के मामले इसी जिले से सामने आ रहे हैं।
गृह मंत्री का जवाब
गृह मंत्री विजय शर्मा ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि राज्य में जब भी धर्मांतरण की शिकायत मिलती है, पुलिस उसकी जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई करती है। उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि राज्य में पिछले वर्षों में धर्मांतरण के मामलों में दर्ज की गई एफआईआर की संख्या इस प्रकार रही है:
- 2019 – 0 मामले
- 2020 – 1 मामला
- 2021 – 7 मामले
- 2022 – 3 मामले
- 2023 – 0 मामला
- 2024 – 12 मामले
- 2025 – 4 मामले
जल्द आएगा नया कानून
बाद में मीडिया से बात करते हुए शर्मा ने कहा, “अवैध धर्मांतरण के मामलों में कार्रवाई की जा रही है। हम जल्द ही एक सख्त कानून लाएंगे ताकि अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाई जा सके। यदि किसी एनजीओ के ऑडिट न होने की शिकायत मिलती है, तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।”
धर्मांतरण कानून पर सख्ती बढ़ाएगी सरकार
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में पहले से ही ‘छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 1968’ के तहत जबरन धर्मांतरण को अपराध घोषित किया गया है। लेकिन भाजपा सरकार अब इसे और कड़ा बनाने के लिए नया कानून लाने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि इस बिल पर पिछले साल से ही काम चल रहा है, लेकिन अब तक इसे विधानसभा में पेश नहीं किया गया है।
