छत्तीसगढ़: बीजापुर में 17 नक्सलियों ने किया समर्पण, सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित

बीजापुर, छत्तीसगढ़ – छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में गुरुवार को 17 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से नौ नक्सलियों पर कुल ₹24 लाख का इनाम घोषित था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के अधिकारियों के सामने इन नक्सलियों ने हथियार डाल दिए।

बीजापुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली “नक्सल विचारधारा की खोखली और अमानवीय सोच” से निराश थे। उन्होंने वरिष्ठ नक्सली नेताओं द्वारा भोले-भाले आदिवासियों के शोषण और सुरक्षाबलों के बढ़ते प्रभाव को भी आत्मसमर्पण का कारण बताया।

‘निया नेल्लानार’ योजना बनी मुख्य वजह
श्री यादव के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली राज्य सरकार की ‘निया नेल्लानार’ (आपका अच्छा गांव) योजना से प्रभावित थे। इस योजना के तहत प्रशासन और सुरक्षा बल अंदरूनी इलाकों में बुनियादी सुविधाएं और विकास कार्यों को बढ़ावा दे रहे हैं।

मुख्य नक्सली नेता भी शामिल
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली गंगालूर क्षेत्र समिति से जुड़े थे। इनमें 36 वर्षीय दिनेश मोडियम, जो नक्सली संगठन का डिविजनल कमेटी सदस्य था, सबसे बड़ा नाम है। वह बीजापुर जिले में 26 मामलों में वांछित था और उस पर ₹8 लाख का इनाम था।

उनकी पत्नी ज्योति ताती उर्फ काला मोडियम (32) और दुला करम (32) भी क्षेत्र समिति के सदस्य थे और दोनों पर ₹5-5 लाख का इनाम घोषित था। इसके अलावा, छह अन्य नक्सलियों पर ₹1-1 लाख का इनाम था।

सुरक्षाबलों की अहम भूमिका
नक्सलियों के आत्मसमर्पण में जिला रिजर्व गार्ड, बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स, CRPF और इसकी स्पेशल यूनिट कोबरा (CoBRA) ने अहम भूमिका निभाई।

पुनर्वास योजना के तहत सहायता
सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को ₹25,000 की आर्थिक सहायता दी गई है। आगे चलकर उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने के लिए अन्य योजनाओं का लाभ भी दिया जाएगा।

बस्तर में आत्मसमर्पण का सिलसिला जारी
बीजापुर जिले में इस साल अब तक कुल 65 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। पिछले साल बस्तर क्षेत्र के सात जिलों में कुल 792 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था।