दुर्ग: वर्ष 2025 की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन शनिवार को दुर्ग जिले के विभिन्न न्यायालयों में किया गया, जिसमें कुल 4.59 लाख मामलों का निपटारा किया गया। इनमें 19,020 न्यायालयीन मामले और 4.40 लाख प्री-लिटिगेशन मामले शामिल रहे। इन मामलों के समाधान से कुल ₹35.17 करोड़ की राशि का सेटलमेंट हुआ।
लोक अदालत के लिए 32 खंडपीठों (बेंच) का गठन किया गया, जो दुर्ग, पाटन, भिलाई-3 और धमधा स्थित न्यायालयों में कार्यरत रहीं। निपटारे की प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए खंडपीठों के अध्यक्षों ने दोनों पक्षों को आपसी सहमति से समझौता करने में मदद की।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधान जिला न्यायाधीश डॉ. प्रज्ञा पचौरी द्वारा मां सरस्वती की पूजा-अर्चना और दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस दौरान न्यायिक अधिकारी और अधिवक्ता भी उपस्थित रहे।
लोक अदालत में सुलझाए गए प्रमुख मामले:
- 580 आपराधिक मामले
- 64 क्लेम (दावों) से जुड़े मामले
- 515 चेक बाउंस मामले
- 117 पारिवारिक विवाद
- 55 सिविल मामले
- 28 श्रम विवाद
- 6001 प्रकरण स्थायी लोक अदालत (सार्वजनिक उपयोगिता सेवाएं) द्वारा सुलझाए गए
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग के सचिव, आशीष दाहारिया ने बताया कि लोक अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश की एक महिला ने अपने विवाद का समाधान पाया। इसी तरह, एक व्यक्ति, जिसने अपनी पत्नी को छोड़ दिया था, को न्यायालय द्वारा समझाने के बाद फिर से साथ रहने के लिए राज़ी किया गया। उसने पत्नी को हर महीने ₹5000 देने का भी वचन दिया।
लोक अदालत के दौरान मुफ्त चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें प्रधान जिला न्यायाधीश सहित अन्य लोगों ने भी अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराया।
