राजनांदगांव: ऑनलाइन ठगी के मामलों में एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए राजनांदगांव पुलिस ने साइबर अपराधियों के नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया है। मिशन साइबर सुरक्षा के तहत पुलिस ने 17 लोगों को गिरफ्तार किया, जो ठगों को अपने बैंक अकाउंट उपलब्ध कराकर ऑनलाइन धोखाधड़ी में मदद कर रहे थे। इन आरोपियों के खातों से अब तक लगभग 9 करोड़ रुपये का लेन-देन किया जा चुका है।
कैसे होता था ऑनलाइन ठगी का खेल?
राजनांदगांव पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया कि साइबर अपराधी फर्जी कॉल, लुभावने ऑफर और अन्य ऑनलाइन स्कीमों के जरिए लोगों को ठगते थे। इन ठगों को पैसे ट्रांसफर करने के लिए बैंक खातों की जरूरत होती थी, जिसे वे लालच देकर स्थानीय लोगों से हासिल कर लेते थे। आरोपी कुछ कमीशन के बदले अपने बैंक अकाउंट ठगों को सौंप देते थे, जिसके बाद उनके खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर होती थी।

म्यूल बैंक खाताधारकों और एजेंटों पर पुलिस की सख्त कार्रवाई
ऑनलाइन ठगी में इस्तेमाल किए जा रहे बैंक खातों (म्यूल अकाउंट्स) के खिलाफ पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है। इस मामले में 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें बैंक अकाउंट होल्डर और एजेंट दोनों शामिल हैं। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि जो लोग सिर्फ पैसों के लालच में अपने बैंक अकाउंट ठगों को देते हैं, वे भी अपराधी माने जाएंगे और उन पर कानूनी कार्रवाई होगी।
मिशन साइबर सुरक्षा के तहत आगे की कार्रवाई
राजनांदगांव पुलिस साइबर ठगी के खिलाफ “मिशन साइबर सुरक्षा” के तहत लगातार सख्त कदम उठा रही है। इस मिशन के तहत –
✔ ऑनलाइन ठगी में शामिल बैंक अकाउंट्स की पहचान की जा रही है।
✔ आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही ठगी के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की योजना बनाई जा रही है।
✔ साइबर सुरक्षा को लेकर आम जनता को भी जागरूक किया जा रहा है, ताकि लोग आसानी से ठगों के जाल में न फंसें।
ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए पुलिस की अपील
पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने जनता से अपील की है कि किसी भी अज्ञात व्यक्ति को अपना बैंक अकाउंट या उससे जुड़ी जानकारी साझा न करें।
🔴 फर्जी कॉल या लुभावने ऑफर्स से बचें।
🔴 अपने बैंक खाते में संदिग्ध ट्रांजैक्शन की तुरंत सूचना दें।
🔴 यदि कोई व्यक्ति आपको मोटी रकम का लालच देकर बैंक खाता इस्तेमाल करने को कहे, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
क्या यह साइबर गिरोह किसी बड़े नेटवर्क से जुड़ा है?
इस मामले की जांच अभी जारी है, और पुलिस को शक है कि यह राजनांदगांव में सक्रिय ठगों का नेटवर्क किसी बड़े अंतरराज्यीय साइबर गिरोह से जुड़ा हो सकता है। पुलिस जल्द ही और खुलासे कर सकती है।
