लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में 2025-26 की नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी। इस नीति के तहत देशी-विदेशी शराब, बीयर और भांग की फुटकर दुकानों का लाइसेंस ई-लॉटरी से दिया जाएगा। इस बार पुराने लाइसेंसों का नवीनीकरण नहीं होगा, हालांकि 2026-27 में लाइसेंस रिन्यूअल का विकल्प उपलब्ध रहेगा।
नई आबकारी नीति के प्रमुख बिंदु
- शराब की दुकानों का लाइसेंस ई-लॉटरी के माध्यम से आवंटित किया जाएगा।
- पहली बार कंपोजिट दुकानों का लाइसेंस जारी होगा, जहां एक ही स्थान पर विदेशी शराब, बीयर और वाइन की बिक्री की जा सकेगी। हालांकि, इन दुकानों में शराब पीने की अनुमति नहीं होगी।
- 55,000 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष से 4000 करोड़ अधिक है।
- प्रीमियम रिटेल दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण 25 लाख रुपये वार्षिक शुल्क पर किया जाएगा।
- कोई भी व्यक्ति, फर्म या कंपनी दो से अधिक लाइसेंस प्राप्त नहीं कर सकेगी।
मथुरा में डेयरी प्लांट को मिली मंजूरी
कैबिनेट ने मथुरा में 1 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले डेयरी प्लांट को मंजूरी दे दी है। पहले इस परियोजना को 30 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता के साथ स्वीकृत किया गया था, लेकिन अब इसे बढ़ा दिया गया है।

- पहले यह ग्रीन फील्ड डेयरी प्लांट फिरोजाबाद में स्थापित किया जाना था, लेकिन जमीन की उपलब्धता न होने के कारण इसे मथुरा में स्थानांतरित कर दिया गया।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं मथुरा में डेयरी प्लांट स्थापित करने की घोषणा की थी, क्योंकि यहां गोवंश की बड़ी संख्या और पर्यटन गतिविधियों को देखते हुए यह क्षेत्र उपयुक्त माना गया।
- इस परियोजना के लागू होने से पर्यटकों को उच्च गुणवत्ता वाले दुग्ध उत्पाद मिलेंगे और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
- निवेश से जुड़े सभी निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अधिकृत किया गया है।
क्या होगा असर?
इस फैसले से राज्य सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा और प्रदेश में शराब बिक्री के नियमों को अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा। वहीं, मथुरा में डेयरी उद्योग को मजबूती मिलने से किसानों और दुग्ध उत्पादकों को सीधा लाभ मिलेगा।
