रायपुर: छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी को उन्नत और वैज्ञानिक बनाने के लिए लगातार नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में फोल्डस्कोप नामक तकनीक ने किसानों के लिए खेती और पशुपालन को और सरल और प्रभावी बना दिया है। यह एक पोर्टेबल माइक्रोस्कोप है, जिसे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक प्रोफेसर मनु प्रकाश ने 2014 में विकसित किया था।
छत्तीसगढ़ के 20 जिलों में इस तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। किसानों को फोल्डस्कोप के माध्यम से कीट और रोगों की पहचान, मिट्टी और पानी की गुणवत्ता जांचने, और फसल रोगों का निदान करने में मदद मिल रही है। यह उपकरण न केवल फसलों की गुणवत्ता सुधारने में बल्कि लागत कम कर किसानों की आय बढ़ाने में भी सहायक हो रहा है।
फोल्डस्कोप का उपयोग पशुपालन में भी किया जा रहा है। इसे मवेशियों के कृत्रिम गर्भाधान में वीर्य की गुणवत्ता जांचने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे गर्भधारण दर में सुधार और देशी मवेशियों की नस्लों की ग्रेडिंग बेहतर हुई है।
राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान की सहायता से रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, दुर्ग, महासमुंद, कांकेर और बस्तर समेत 30 से अधिक गांवों में यह तकनीक लागू की गई है। इसके जरिए किसानों को पर्यावरण-अनुकूल खेती और जैविक कीटनाशकों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
फोल्डस्कोप ने छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए कृषि और पशुपालन को वैज्ञानिक और सुलभ बनाया है। यह उपकरण किसानों को खेती में नई संभावनाएं दिखाने और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।