छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों से पहले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं। सीएम साय, प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव समेत कई नेताओं के दिल्ली दौरे के बाद इस चर्चा को और बल मिला है। कहा जा रहा है कि दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के बाद नए मंत्रियों के नामों पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी।
हरियाणा मॉडल पर विचार
सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में हरियाणा मॉडल लागू किया जा सकता है। हरियाणा की तरह छत्तीसगढ़ में भी 90 विधानसभा सीटें हैं। हरियाणा में मुख्यमंत्री सहित कुल 14 मंत्रियों का प्रावधान है, जिसमें सीएम के पास वित्त और सामान्य प्रशासन जैसे प्रमुख विभाग हैं। अगर यह फॉर्मूला लागू होता है, तो छत्तीसगढ़ में भी मुख्यमंत्री के अलावा 13 मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।
मौजूदा स्थिति
फिलहाल छत्तीसगढ़ में सीएम साय के अलावा 10 मंत्री हैं, जबकि दो पद खाली हैं। बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे के बाद से मंत्रिमंडल में यह रिक्तियां बनी हुई हैं। हरियाणा मॉडल लागू होने पर तीन और मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है। नियम के अनुसार, किसी राज्य की विधानसभा के 15 प्रतिशत विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। इस हिसाब से छत्तीसगढ़ में यह संख्या 13.5 तक पहुंचती है।
चुनावी तैयारी का हिस्सा
नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों से पहले साय सरकार का यह विस्तार पार्टी की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि नए मंत्रियों का चयन जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
अब देखना यह है कि पार्टी नेतृत्व इस विस्तार को कब और कैसे अंजाम देता है। सभी की नजरें सीएम साय के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।