रायपुर: बच्चों की इम्युनिटी, पाचन शक्ति, स्मरण शक्ति और शारीरिक विकास को बढ़ावा देने के लिए शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय, रायपुर में आज 2702 बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया गया। इसके साथ ही 350 बच्चों को विभिन्न रोगों से बचाव के लिए पांच आयुर्वेदिक दवाइयों से बने बाल रक्षा किट भी वितरित किए गए।
हर पुष्य नक्षत्र पर होता है स्वर्णप्राशन
महाविद्यालय के कौमारभृत्य विभाग द्वारा हर पुष्य नक्षत्र तिथि पर 0 से 16 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाता है। इसी कड़ी में आज हुए आयोजन में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया।
स्वर्णप्राशन के साथ अभिभावकों का प्रकृति परीक्षण
बच्चों के साथ आए 432 अभिभावकों का भारत सरकार के ‘देश का प्रकृति परीक्षण’ अभियान के तहत प्रकृति परीक्षण भी किया गया। इस अभियान के अंतर्गत शरीर की प्रकृति और उससे संबंधित स्वास्थ्य सुझाव दिए गए।
आयोजन में प्रमुख अधिकारियों की उपस्थिति
कार्यक्रम का आयोजन आयुष विभाग की संचालक सुश्री इफ्फत आरा, प्राचार्य प्रो. डॉ. जी.आर. चतुर्वेदी, चिकित्सालय अधीक्षक प्रो. डॉ. प्रवीण कुमार जोशी, और कौमारभृत्य विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. नीरज अग्रवाल के निर्देशन में किया गया।
स्वर्णप्राशन का महत्व
आयुर्वेद में स्वर्णप्राशन को बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। यह इम्युनिटी बढ़ाने और विभिन्न रोगों से बचाव में सहायक है।