भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दुर्ग में स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (एसआईएच) का आयोजन 11 से 15 दिसंबर तक किया जा रहा है। इस राष्ट्रीय स्तर की नवाचार प्रतियोगिता में देशभर के 100 छात्र और 55 छात्राएं रोजमर्रा की जिंदगी और उद्योगों की समस्याओं के समाधान पर लगातार काम कर रहे हैं।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्राचार्य, डॉ. अरुण अरोड़ा ने बताया कि आईआईटी मुंबई के छात्र इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग सिस्टम पर काम कर रहे हैं। यह सिस्टम ऐसा होगा जो चलते हुए वाहन को बिना रुके चार्ज कर सकेगा। यह नवाचार समय और ऊर्जा की खपत को कम करेगा।
वेलम्मल इंजीनियरिंग कॉलेज, चेन्नई के इनोवेटर्स दिव्यांगजन के लिए आसानी से चलने वाले वाहन तैयार कर रहे हैं। इसे विभिन्न लिंकिंग सिस्टम से जोड़ा जा रहा है। वहीं, राजकोट, गुजरात के छात्र शहरी ट्रैफिक में सिटी बसों के लाइव लोकेशन को मॉनिटर करने का सिस्टम विकसित कर रहे हैं।
कोयंबटूर के छात्र ट्रैफिक समस्या का समाधान ढूंढने के लिए सोलिनॉइड ऑपरेटेड इंजन पर शोध कर रहे हैं। यह प्रयोग प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण के अनुकूल यातायात प्रणाली को बढ़ावा देगा।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में स्लज ट्रीटमेंट एक बड़ी चुनौती है। इसका समाधान निकालने के लिए रामैया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु के छात्र क्लीन और ग्रीन टेक्नोलॉजी के तहत एक बंद संरचना तैयार कर रहे हैं। यह संरचना गैस सेंसर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस होगी, जो न केवल मानव जोखिम को कम करेगी बल्कि उच्च गुणवत्ता वाली जैविक खाद भी बनाएगी।
स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (एसआईएच) के माध्यम से छात्र न केवल अपने नवाचारों को आकार दे रहे हैं, बल्कि इस मंच के जरिए उच्च गुणवत्ता वाले कौशल भी प्राप्त कर रहे हैं।