जशपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित प्रसिद्ध मधेश्वर पहाड़ को विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक शिवलिंग की प्रतिकृति होने का गौरव प्राप्त हुआ है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में ‘लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग’ के रूप में दर्ज किया गया है।
मंत्रालय भवन स्थित कार्यालय में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों ने इस उपलब्धि का प्रमाण पत्र सौंपा। इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों और प्रतिनिधियों ने इसे राज्य के लिए गर्व का क्षण बताया।
छत्तीसगढ़ की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को मिला वैश्विक सम्मान
मधेश्वर पहाड़ की यह मान्यता छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को विश्व स्तर पर नई पहचान दिलाने में सहायक होगी। इस शिवलिंग को देखने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु और पर्यटक आते रहे हैं। अब इसे विश्व रिकॉर्ड में स्थान मिलने से क्षेत्र में पर्यटन को भी नई गति मिलने की संभावना है।
मधेश्वर पहाड़ को सदियों से धार्मिक आस्था का केंद्र माना जाता है। यहां की प्राकृतिक आकृति शिवलिंग के रूप में अद्भुत और विशाल है, जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने इस उपलब्धि पर जशपुरवासियों और पूरे प्रदेश को बधाई दी।