वाराणसी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को वाराणसी स्थित स्वर्वेद महामंदिर धाम में विहंगम योग संत समाज के शताब्दी समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि हर कार्य देश और सनातन धर्म के मूल्यों के अनुसार होना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दृष्टिकोण को दोहराया कि “जब देश सुरक्षित है, तो धर्म सुरक्षित है; और जब धर्म सुरक्षित है, तो हम सुरक्षित हैं।”
सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज को दी श्रद्धांजलि:
सीएम योगी ने सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज की योग साधना और उनकी आध्यात्मिक परंपरा की सराहना की। उन्होंने बताया कि सद्गुरु सदाफल देव जी का जन्म 1888 में बलिया के एक छोटे से गांव में हुआ था और 1924 में उन्होंने विहंगम योग संत समाज की स्थापना की।
उन्होंने कहा, “आज जब समाज इस शताब्दी समारोह में भाग ले रहा है, हम सभी उनकी योग साधना का प्रसाद प्राप्त कर रहे हैं। यह संस्था न केवल लाखों भक्तों को जोड़ने का कार्य कर रही है, बल्कि योग और भारत की आध्यात्मिक परंपरा को जन-जन तक पहुंचा रही है।”
स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान:
योगी ने बताया कि सद्गुरु सदाफल देव जी ने अपनी आध्यात्मिक साधना के साथ स्वतंत्रता संग्राम में भी हिस्सा लिया, जिसमें बैरकपुर विद्रोह शामिल है। उन्होंने कहा, “एक सच्चा संत देश और समाज की दुर्दशा देखकर शांत नहीं बैठ सकता।”
प्रधानमंत्री मोदी के विकास कार्यों की प्रशंसा:
मुख्यमंत्री ने वाराणसी में पिछले 10 वर्षों में हुए विकास कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी को विश्वस्तरीय पहचान दिलाई है। श्री काशी विश्वनाथ धाम, नामो घाट जैसे स्थान अब नई भव्यता के साथ विश्व के आकर्षण का केंद्र बन गए हैं।”
शताब्दी समारोह का महत्व:
इस कार्यक्रम में लाखों भक्तों ने भाग लिया, जिनमें 25,000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ भी शामिल था। सीएम योगी ने इसे भारत की आध्यात्मिक धरोहर को समर्पित एक महत्वपूर्ण आयोजन बताया। उन्होंने कहा कि सद्गुरु की परंपरा को आगे बढ़ाने में आचार्य स्वतंत्र देव महाराज और प्रवर विज्ञान देव महाराज महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।