छत्तीसगढ़: नारायणपुर जिले के छात्रावास में बदहाल स्थिति, शौचालयों में रह रहे बच्चे

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लॉक के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की तस्वीरों ने राज्य में हड़कंप मचा दिया है। यहां छात्रों को शौचालयों को रहने के कमरे में बदलकर रहने के लिए मजबूर किया गया है। छात्रों ने शौचालय की सीटों को मैट्स और चादरों से ढककर बिस्तर बना लिया है।

शौचालयों में रह रहे आदिवासी छात्र

छात्रों ने शिकायत की है कि हॉस्टल के शौचालय खराब स्थिति में हैं और उनके दरवाजे टूटे हुए हैं। दुर्गंध और पानी की कमी की वजह से छात्र-छात्राओं का रहना मुश्किल हो गया है। कई बार पानी न होने की वजह से बच्चों को बिना नहाए स्कूल जाना पड़ता है।

मंत्री ने दी शिकायतकर्ताओं को धमकी

इस गंभीर मुद्दे को उठाने वाले लोगों को वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने धमकी दी है। उन्होंने कहा, “किसने उन्हें तस्वीरें लेने का अधिकार दिया? बिना प्रशासन की अनुमति के यहां प्रवेश नहीं किया जा सकता।” मंत्री ने इस मामले को उजागर करने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी।

सीसीटीवी विवाद

छात्रावास में सीसीटीवी कैमरा लड़कियों के शावर क्षेत्र के पास लगाए जाने का भी आरोप है। इस घटना से सरकार की कड़ी आलोचना हो रही है। छात्रावास के प्राचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और कार्रवाई की मांग की गई है। इस मामले की जांच के लिए सहायक आयुक्त जनजातीय विकास शाखा के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई है।

एडीएम वीरेंद्र बहादुर पांचभाई ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है और जांच के निर्देश दिए गए हैं। सहायक आयुक्त की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

अव्यवस्था की शिकायतें

विद्यालय के बच्चों ने बताया कि पिछले छह वर्षों से एक नई इमारत बनाने का वादा किया जा रहा है, लेकिन अब तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ। शिक्षक और छात्र दोनों खराब व्यवस्था के कारण परेशान हैं।

छात्र-छात्राओं का दर्द

विद्यालय में सीटों की कमी की वजह से 50 सीटों वाले हॉस्टल में 180 बच्चों को रखा गया है। शिक्षिका सुनीता ने बताया कि लड़कियां सबसे ज्यादा परेशानी झेल रही हैं। टूटे दरवाजों और खुले में शौच के कारण उनकी सुरक्षा और सम्मान खतरे में हैं।

विद्यालय की अधीक्षिका प्रभावी मिश्रा और छात्रावास वार्डन किशन ने उच्च अधिकारियों को समस्या की जानकारी दी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

छात्रों और शिक्षकों ने राज्य सरकार से जल्द से जल्द उचित कदम उठाने की मांग की है ताकि बच्चों को बेहतर जीवन और शिक्षा मिल सके।

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