सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार: महिला सरपंच को हटाने पर छत्तीसगढ़ सरकार पर एक लाख का जुर्माना

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की महिला सरपंच सोनम लाकड़ा को उनके पद से हटाने के मामले में राज्य सरकार और अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने इसे औपनिवेशिक सोच का प्रतीक बताते हुए महिला सरपंच की बहाली के आदेश दिए और सरकार पर मुकदमेबाजी और उत्पीड़न के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

महिला सशक्तिकरण के खिलाफ रवैये पर सवाल
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को महिला सशक्तिकरण के लिए उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए, खासकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में। सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासनिक अधिकारियों के रवैये को “लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने का प्रयास” करार दिया।

सरपंच को योजनाओं में बाधा डालने की शिकायत
27 वर्षीय सोनम लाकड़ा ने जनवरी 2020 में सजबहार पंचायत की सरपंच के रूप में चुने जाने के बाद अधिकारियों द्वारा उन्हें हटाए जाने को चुनौती दी थी। याचिका में आरोप लगाया गया कि पंचायत सदस्यों ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर योजनाओं में बाधा पहुंचाई और उनके नेतृत्व को कमजोर करने का प्रयास किया।

प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों पर जोर
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के 29 फरवरी के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि कार्यपालिका ने अपनी शक्ति का बेशर्मी से दुरुपयोग किया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को दोषी अधिकारियों से जुर्माने की राशि वसूलने के निर्देश भी दिए हैं।

महिला सशक्तिकरण पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
अदालत ने कहा कि महिलाओं को शासन और नेतृत्व में प्रोत्साहित करने के लिए माहौल बनाया जाना चाहिए। उन्होंने इस घटना को “आर्थिक महाशक्ति बनने की कोशिश कर रहे राष्ट्र के लिए दुखद” करार दिया।

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