सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने उद्घाटन भाषण में कहा, “सीएमओटी उभरते रचनाकारों को न केवल अपने कौशल दिखाने का मौका देता है, बल्कि वैश्विक सहयोग के लिए नए दरवाजे भी खोलता है।” उन्होंने बताया कि इस साल सीएमओटी में १३ शिल्पों से १०० युवा प्रतिभाओं का चयन किया गया है, जो पिछले वर्ष के ७५ प्रतिभागियों से अधिक है।
रचनात्मक प्रक्रिया को उजागर करना:
प्रसिद्ध गीतकार और सीबीएफसी के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा, “हमारे देश में कहानियों और प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। सीएमओटी इस प्रतिभा को सामने लाने और उन्हें वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।”
नेटफ्लिक्स का सहयोग:
नेटफ्लिक्स की पब्लिक पॉलिसी निदेशक महिमा कौल ने वॉयसबॉक्स पहल के तहत वॉयस-ओवर कलाकारों को प्रशिक्षित करने और “आजादी की अमृत कहानियां” प्रोजेक्ट में सीएमओटी के शीर्ष कलाकारों को शामिल करने की घोषणा की।
४८ घंटे की फिल्म निर्माण चुनौती:
अपूर्व चंद्रा, पूर्व सचिव, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, ने ४८ घंटे की फिल्म निर्माण चुनौती को “रचनात्मकता और टीम वर्क का अद्भुत परीक्षण” बताया। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के प्रयास भारतीय सिनेमा के भविष्य को मजबूत करेंगे।
अतिरिक्त घोषणाएं:
- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की विशेष सचिव नीरजा शेखर ने १३ शिल्पों में सीएमओटी के विस्तार को “रचनात्मक करियर के प्रति युवाओं के बढ़ते उत्साह” का प्रतीक बताया।
- क्रिएट इन इंडिया चैलेंज और विश्व ऑडियो-विजुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स) की आगामी योजनाओं का भी उद्घाटन समारोह में जिक्र हुआ।
सीएमओटी का महत्व:
यह पहल देश के युवा रचनाकारों को कौशल विकास, सहयोग और फिल्म निर्माण के व्यावहारिक अनुभव का अवसर प्रदान करती है। इस वर्ष के प्रतिभागी अगले ४८ घंटों में अपनी क्रिएटिविटी का प्रदर्शन करेंगे।
पिछले विजेताओं का सम्मान:
पिछले संस्करणों के पांच सीएमओटी विजेताओं को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। वे इस साल के प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करेंगे।