पणजी: भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के ५५वें संस्करण के अंतर्गत दक्षिण एशिया के प्रमुख फिल्म बाजार, फिल्म बाजार के १८वें संस्करण का शानदार उद्घाटन हुआ। यह आयोजन गोवा के मैरियट रिज़ॉर्ट में २० से २४ नवंबर तक चलेगा। फिल्म बाजार महत्वाकांक्षी फिल्म निर्माताओं और स्थापित उद्योग पेशेवरों को जोड़ने और सहयोग का एक अनूठा मंच प्रदान करता है।
महत्वपूर्ण घोषणाएं और वक्तव्य:
उद्घाटन के दौरान, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने कहा, “फिल्म बाजार भविष्य के फिल्म निर्माताओं को तैयार करने का एक असाधारण मंच है। यह विचारों को पेश करने और उद्योग के सभी स्तरों पर उत्पादक बातचीत को बढ़ावा देता है।” उन्होंने इस साल के पंजीकरण की रिकॉर्ड-तोड़ संख्या (१५०० से अधिक) और १० देश-विशिष्ट मंडपों की उपस्थिति पर भी प्रकाश डाला।
फिल्म निर्माण के भविष्य की तलाश:
महोत्सव निदेशक शेखर कपूर ने फिल्म बाजार को उभरते फिल्म निर्माताओं के लिए एक प्रेरणादायक मंच बताया। उन्होंने कहा, “यहां युवा फिल्म निर्माताओं की ऊर्जा और उनके रचनात्मक जुनून को महसूस करना एक अद्भुत अनुभव है।”
संयुक्त सचिव (फिल्म्स) सुश्री वृंदा मनोहर देसाई ने सह-उत्पादन बाजार का विवरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि इसमें ७ देशों की २१ फीचर फिल्में और ८ वेब श्रृंखलाएं शामिल हैं। उन्होंने व्यूइंग रूम पर भी प्रकाश डाला, जिसमें इस वर्ष २०८ फिल्मों को देखने की व्यवस्था की गई है।
ऑनलाइन पहल की शुरुआत:
एनएफडीसी के एमडी पृथुल कुमार ने ऑनलाइन फिल्म बाजार पहल की घोषणा की। इस डिजिटल मंच का उद्देश्य वैश्विक खरीदारों और विक्रेताओं को जोड़ने और सिनेमा के व्यवसाय को बढ़ावा देना है।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति:
इस कार्यक्रम में फिल्म बाजार के सलाहकार जेरोम पैलार्ड और भारत में ऑस्ट्रेलिया के उप उच्चायुक्त निकोलस मैककैफ़्रे जैसे विशिष्ट अतिथि शामिल हुए।
फिल्म बाजार की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
२००७ में शुरू हुआ फिल्म बाजार, दक्षिण एशियाई फिल्म निर्माण और वितरण के लिए एक प्रमुख मंच है। यह रचनात्मक और वित्तीय सहयोग की संभावनाओं को बढ़ावा देता है। इस साल, फिल्म बाजार का उद्देश्य दक्षिण एशियाई सामग्री और प्रतिभा को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना है।