मणिपुर में राजनीतिक संकट: NPP ने बीजेपी सरकार से समर्थन लिया वापस, हिंसा का दौर जारी

इंफाल: मणिपुर में deteriorating law and order की स्थिति को लेकर नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। NPP के पास 60 सदस्यीय विधानसभा में सात सीटें हैं। हालांकि, यह कदम राज्य सरकार की स्थिरता को प्रभावित नहीं करेगा, क्योंकि बीजेपी 32 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत में है।

इससे पहले, अगस्त 2023 में, कुकी पीपुल्स अलायंस (KPA) ने भी अपनी दो सीटों के साथ बीजेपी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। बावजूद इसके, बीजेपी अपनी 32 सीटों, छह जेडीयू विधायकों, पांच नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सत्ता में बनी हुई है।

विधानसभा में सीटों का समीकरण

  • बीजेपी: 32
  • एनपीपी: 7
  • जेडीयू: 6
  • एनपीएफ: 5
  • कांग्रेस: 5
  • केपीए: 2
  • निर्दलीय: 3

हिंसा का बढ़ता दौर

मणिपुर में जातीय तनाव के चलते इंफाल घाटी में हिंसा का दौर जारी है। मई 2023 से अब तक 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और करोड़ों रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। ताजा हिंसा में शनिवार रात को जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और बच्चों की हत्या के बाद उग्र भीड़ ने कई विधायकों और मंत्रियों के घरों पर हमला कर दिया।

विधायकों के घरों में आगजनी

प्रदर्शनकारियों ने PWD मंत्री गोविंददास कोंथौजाम, बीजेपी विधायक वाई राधेश्याम, पाओनाम ब्रोजन और कांग्रेस विधायक ठोकचोम लोकेश्वर के घरों को आग के हवाले कर दिया। रविवार सुबह तक पांच जिलों में कर्फ्यू और इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं।

23 लोग गिरफ्तार

पुलिस ने हिंसा में शामिल 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, हिंसा के दूसरे दिन भी बड़ी संख्या में लोगों ने कर्फ्यू तोड़कर प्रदर्शन किया।

बढ़ती अशांति

NPP और KPA का समर्थन वापस लेना गठबंधन के भीतर बढ़ते तनाव को दर्शाता है। हालांकि, फिलहाल इससे बीजेपी सरकार की स्थिरता प्रभावित नहीं हो रही है।

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