भिलाई। आईआईटी भिलाई के रसायन विभाग में 11 नवंबर 2024 को एक विशेष आमंत्रित व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसका समन्वय रसायन और बायोसाइंस एवं बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख डॉ. आर. मयिलमुरुगन ने किया। इस अवसर पर आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रो. राजीव प्रकाश ने समकालीन स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में बहुविषयक शोध के महत्व पर जोर दिया।
विशेष व्याख्यान में जर्मनी की यूनिवर्सिटीट हेडलबर्ग के प्रो. पीटर कॉम्बा ने “एस्किडियन-प्रोक्लोरोन सहजीविता में पैटेलामाइड्स का जैविक कार्य” विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। प्रो. कॉम्बा के शोध ने यह दर्शाया कि प्रशांत और हिंद महासागर में पाए जाने वाले एस्किडियन विभिन्न प्रकार के चक्रीय पेप्टाइड्स का उत्पादन करते हैं, जिनकी संरचनाएं और डोनर कॉन्फ़िगरेशन विविध होते हैं। हालांकि इन मैक्रोसाइकिल्स का जैविक उद्देश्य अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह स्थिर Cu(II) कॉम्प्लेक्सेस बना सकते हैं।
वैज्ञानिकों का मानना है कि ये यौगिक मेटल आयन परिवहन, ऑक्सीजन सक्रियण, फॉस्फेट एस्टर हाइड्रोलिसिस और CO2 फिक्सेशन जैसी प्रक्रियाओं में भूमिका निभा सकते हैं। प्रो. कॉम्बा के शोध समूह द्वारा हाल ही में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की गई, जिसमें इन कॉम्प्लेक्सेस के सिंथेटिक संस्करणों ने CO2 फिक्सेशन में सहायता करने की क्षमता को दर्शाया।