छत्तीसगढ़ में जनजातीय विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में जनजातीय सलाहकार परिषद का गठन किया गया है। इस संबंध में अधिसूचना का प्रकाशन आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्रालय, महानदी भवन, नवा रायपुर द्वारा किया गया है। इस परिषद में कुल 18 सदस्य हैं, जिनमें वन मंत्री सहित 13 विधायक और 4 सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम को परिषद का उपाध्यक्ष बनाया गया है।
परिषद की संरचना और सदस्यता
परिषद के सदस्य के रूप में वन मंत्री केदार कश्यप, विधायक लता उसेण्डी, रेणुका सिंह, शंकुतला सिंह पोर्ते, उद्देश्वरी पैकरा, रायमुनी भगत, गोमती साय, रामकुमार टोप्पो, प्रणव कुमार मरपची, विक्रम उसेण्डी, आशाराम नेताम, नीलकंठ टेकाम, विनायक गोयल, और चैतराम अटामी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, रामनाथ कश्यप, रघुराज सिंह उईके, वेदप्रकाश भगत, और कृष्ण कुमार वैष्णव को सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में परिषद में स्थान दिया गया है।
परिषद की अवधि
आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव या सचिव इस परिषद के सचिव होंगे। विधानसभा में अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधियों के मनोनीत सदस्य उस समय तक सदस्य बने रहेंगे जब तक वे विधायक रहेंगे। अन्य सदस्य अपने मनोनयन की तारीख से एक वर्ष तक परिषद के सदस्य रहेंगे।