भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन अपने पद से विदाई लेते हुए एक भावुक संदेश दिया। उन्होंने कहा, “कल से मैं न्याय नहीं दे सकूंगा, लेकिन मैं संतुष्ट हूं।” न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर 2022 को भारत के मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला था और आज उनके दो साल का कार्यकाल समाप्त हो गया।
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने बताया कि उन्होंने अपनी सेवाओं के दौरान न्यायिक कार्य को एक तीर्थ यात्रा की तरह देखा है, जहां हर दिन न्याय देने का संकल्प लेकर अदालत में आते हैं। उन्होंने न्यायाधीश संजीव खन्ना, जो उनके उत्तराधिकारी होंगे, की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह एक योग्य नेता हैं और उनके नेतृत्व में न्यायपालिका की जिम्मेदारी सुरक्षित है।
अपने कार्यकाल के दौरान न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए। इनमें सबसे महत्वपूर्ण जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के फैसले को बरकरार रखना और सितंबर 2024 तक चुनाव करवाने का आदेश शामिल है। साथ ही, उन्होंने राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल करने पर जोर दिया। इसके अलावा, समलैंगिक विवाह को मान्यता देने से इनकार करते हुए उन्होंने LGBTQ+ समुदाय को सम्मान और भेदभाव से मुक्ति का अधिकार सुनिश्चित करने की बात भी कही।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, जो 11 नवंबर को 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे, ने अपने विदाई भाषण में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की न्याय के प्रति निष्ठा और समाज के वंचित वर्गों के लिए किए गए कार्यों की सराहना की। न्यायालय परिसर में मिटी कैफे का स्थापना और महिला वकीलों के लिए एक विशेष बार रूम जैसी पहलें भी उनके कार्यकाल में की गईं।
वकीलों ने न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को भारतीय न्यायपालिका का “रॉक स्टार” करार दिया और उनके योगदान को याद किया।