एक साधारण सा ‘ओके’ रेलवे स्टेशन मास्टर की जिंदगी में भारी संकट बनकर आया। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में एक रेलवे स्टेशन मास्टर ने अपनी पत्नी के साथ फोन पर हो रहे विवाद को टालने के लिए ड्यूटी के दौरान ‘ओके’ कहा, लेकिन उसका संदेश अनजाने में उसके साथी तक पहुँच गया, जिससे रेलवे को करोड़ों का नुकसान हुआ।
दरअसल, स्टेशन मास्टर के इस ‘ओके’ को उसकी दूसरी लाइन पर कार्यरत साथी ने ट्रेनों के संचालन के संकेत के रूप में लिया और माओवादी प्रभावित क्षेत्र में ट्रेन को प्रतिबंधित समय में भेज दिया। इसके परिणामस्वरूप रेलवे को करीब 3 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और स्टेशन मास्टर को निलंबित कर दिया गया।
यह मामला तब और गंभीर हुआ जब स्टेशन मास्टर ने इस घटना को अपनी तलाक की अर्जी में कारण के रूप में प्रस्तुत किया।
कोर्ट के अनुसार, 40 वर्षीय स्टेशन मास्टर, जो कि आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम का निवासी है, की शादी दुर्ग जिले की एक महिला से 12 अक्टूबर 2011 को हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद ही महिला ने स्वीकार किया कि उसका दुर्ग के एक अन्य व्यक्ति के साथ प्रेम संबंध था।
स्टेशन मास्टर ने हाईकोर्ट में बताया कि उनकी पत्नी शादी के बाद भी अपने प्रेमी से फोन पर बात करती रही और उसका मजाक उड़ाती थी। मार्च 2012 में एक रात ड्यूटी के दौरान पत्नी के साथ फोन पर बहस के दौरान उसने ‘ओके’ कहा और कॉल काट दी। उसका यह ‘ओके’ उसी वक्त स्टेशन पर मौजूद उसके साथी ने ट्रेन संचालन की स्वीकृति के रूप में लिया, जिससे रेलवे को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा।
बाद में, पत्नी ने पति और उसके परिवार के छह सदस्यों पर अत्याचार और दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया, जिसमें सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया।
हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई में पाया कि पत्नी द्वारा लगाए गए आरोप असत्य थे और उसने पति पर अन्य आरोप भी झूठे लगाए थे। कोर्ट ने इसे ‘क्रूरता’ करार देते हुए तलाक का फैसला सुनाया।