छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से धान खरीदी की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, जिसके लिए इस बार 160 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। धान खरीदी में कुछ ही दिन शेष हैं, लेकिन इस बीच सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है, जिससे धान खरीदी की प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है।
दुर्ग संभाग की सहकारी समितियों के 13,000 से अधिक कर्मचारी इस आंदोलन में शामिल हैं। ये कर्मचारी अक्टूबर में भी 18 से 20 अक्टूबर तक आंदोलन कर चुके हैं और 21 व 22 अक्टूबर को सामूहिक अवकाश लेकर कलेक्टर को अपनी मांगों के समर्थन में ज्ञापन सौंप चुके हैं।
कर्मचारियों की मांगों में शामिल हैं:
- मध्यप्रदेश शासन की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में सोसायटियों को प्रतिवर्ष 3 लाख रुपये प्रबंधकीय अनुदान दिया जाए, ताकि कर्मचारियों को वेतन मिल सके।
- धान खरीदी नीति में धान सुखाने की व्यवस्था का समावेश किया जाए।
- सोसायटी कर्मचारी सेवा नियम 2018 में लंबित संशोधन को लागू किया जाए।
सहकारी समिति कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष गंगादास मानिकपुरी ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि हड़ताल से धान खरीदी की प्रक्रिया भी बाधित हो सकती है।
संघ के प्रदेश महासचिव ईश्वर श्रीवास ने सरकार से अपील की है कि धान खरीदी की प्रक्रिया में किसी दूसरी एजेंसी को शामिल किया जाए और कर्मचारियों पर नमी के कारण होने वाले शॉर्टेज के लिए दबाव न बनाया जाए।