कनाडा से वापस बुलाए गए भारतीय राजदूत संजय वर्मा ने गुरुवार को कनाडा की कानूनी प्रणाली पर तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि कनाडा खालिस्तानी आतंकवादियों और उग्रवादियों के प्रति “बहुत नरम” है और उन्हें शरण देता है। वर्मा ने कनाडा की इस नीति को “निचले स्तर” की बताते हुए कहा कि ट्रूडो सरकार ने भारत के साथ विश्वासघात किया है।
संजय वर्मा ने खासतौर पर हरदीप सिंह निज्जर हत्या मामले की जांच पर सवाल उठाए, जिसमें भारत द्वारा सुझाए गए नामों में से गोल्डी बराड़ का नाम ‘वांटेड लिस्ट’ से गायब होने पर उन्होंने संदेह जताया। भारत ने निज्जर मामले में गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई का नाम सुझाया था।
वर्मा ने यह भी कहा कि भले ही कनाडा में सिख समुदाय का एक छोटा हिस्सा खालिस्तान समर्थक हो, लेकिन इन चरमपंथियों को लेकर कनाडाई सरकार की नरम नीति भारत के लिए चिंताजनक है।