छत्तीसगढ़ में प्राचार्य पदोन्नति को लेकर संघर्ष, 3500 से अधिक स्कूल प्राचार्य विहीन

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग में 11 वर्षों से लंबित प्राचार्य पदोन्नति को लेकर एक बार फिर से आवाज उठाई गई है। “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति एवं व्याख्याता पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” तथा “छत्तीसगढ़ राज्य सर्वशासकीय सेवक अधिकारी-कर्मचारी पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” ने प्रदेश के 3500 से अधिक शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में प्राचार्य पदों की रिक्तियों को भरने की मांग की है। मोर्चा के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने आज दिनांक 18 अक्टूबर 2024 को लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ में ज्ञापन सौंपकर यह मांग की।

प्रदेश में 11 वर्षों से प्राचार्य पदों पर योग्य व्याख्याताओं और प्रधान पाठकों की पदोन्नति नहीं हुई है। इस कारण कई स्कूल प्राचार्य विहीन हैं और शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। मोर्चा का कहना है कि पात्र व्याख्याता और प्रधान पाठक प्राचार्य बनने की प्रतीक्षा में सेवानिवृत्त हो गए हैं, जबकि कुछ की मृत्यु भी हो चुकी है।

सतीश प्रकाश सिंह ने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद प्राचार्य पदोन्नति को लेकर उम्मीद जगी है, और अब मांग की जा रही है कि इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि पदोन्नति से सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं आएगा, क्योंकि प्राचार्य पद के लिए पात्र सभी व्याख्याता और प्रधान पाठक पहले से ही समान वेतनमान प्राप्त कर रहे हैं।

संघर्ष मोर्चा ने यह भी मांग की है कि प्राचार्य पदोन्नति के तुरंत बाद व्याख्याता, प्रधान पाठक, और शिक्षकों के रिक्त पदों पर भी पदोन्नति की जाए, ताकि राज्य में शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हो सके और गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुनिश्चित हो सके।