जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही पुलिस द्वारा “साइबर की पाठशाला” के माध्यम से साइबर जागरूकता अभियान

जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही (GPM) पुलिस ने सामुदायिक पुलिसिंग के तहत साइबर जागरूकता अभियान को नई ऊंचाई दी है। एसपी जीपीएम आईपीएस भावना गुप्ता के नेतृत्व में “साइबर की पाठशाला” नामक यह कार्यक्रम फेसबुक लाइव सेशन के माध्यम से जनता को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक कर रहा है। इस कार्यक्रम में कभी बॉलीवुड सेलिब्रिटी तो कभी प्रतिष्ठित साइबर एक्सपर्ट्स द्वारा साइबर फ्रॉड के नए-नए तरीकों और उनसे बचने के उपाय बताए जा रहे हैं।

साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा की जानकारीपूर्ण सत्र

हाल ही में “साइबर की पाठशाला” के एक सत्र में, साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा को आमंत्रित किया गया, जिन्होंने डिजिटल हाउस अरेस्ट और सोशल मीडिया यूसेज सेफ्टी टिप्स पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। ईशान सिन्हा एक प्रसिद्ध साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ हैं, जो वर्तमान में कई प्रतिष्ठित जांच एजेंसियों के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने साइबर सुरक्षा पर चार महत्वपूर्ण किताबें भी लिखी हैं, जो देश के कई पुलिसकर्मियों के लिए मार्गदर्शिका का काम कर रही हैं।

डिजिटल हाउस अरेस्ट: एक नया साइबर फ्रॉड

इस सत्र में डिजिटल हाउस अरेस्ट के बारे में बताते हुए ईशान सिन्हा ने कहा कि यह एक नया साइबर फ्रॉड है, जिसमें अपराधी पीड़ित के सोशल मीडिया अकाउंट्स का गहन विश्लेषण करते हैं। इसके बाद, वे पीड़ित को या उसके परिवार के किसी सदस्य को किसी झूठे क्रिमिनल केस में फंसा होने का दिखावा करते हैं। ठग गिरोह, खुद को कस्टम, नारकोटिक्स, इनकम टैक्स, या पुलिस अधिकारी के रूप में पेश करते हैं और पीड़ित को वीडियो कॉल के माध्यम से डराने का प्रयास करते हैं। इस प्रकार के फ्रॉड में फर्जी समन नोटिस और झूठे सरकारी पहचान का उपयोग कर पीड़ित से भारी रकम ठग ली जाती है।

ईशान ने समझाया कि यदि कोई लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी का अधिकारी वीडियो कॉल के माध्यम से अनैतिक मांग करता है, तो यह एक स्पष्ट संकेत है कि वह ठग है। ऐसे मामलों में, पीड़ित को तुरंत सावधान होना चाहिए और शासकीय मेल या आधिकारिक नंबर से संपर्क करने के लिए कहना चाहिए।

सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग के सुझाव

सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाते हुए, ईशान सिन्हा ने बताया कि जो व्यक्ति अपनी जीवन की हर गतिविधि सोशल मीडिया पर पोस्ट करता है, वह स्वयं को साइबर फ्रॉड के लिए वल्नरेबल बना रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि सोशल मीडिया का उपयोग सीमित और सोच-समझकर किया जाए, और मजबूत प्राइवेसी सेटिंग्स का उपयोग किया जाए। साथ ही, पासवर्ड सुरक्षित और मजबूत होने चाहिए, जो न तो प्रिडिक्टेबल हों और न ही व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम या जन्मतिथि पर आधारित हों।

महत्वपूर्ण संसाधन और एप्स की जानकारी

लाइव सत्र के दौरान, दर्शकों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में, ईशान सिन्हा ने इंटरनेट सुरक्षा के लिए आवश्यक एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर और महत्वपूर्ण एप्लिकेशन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने TAFCOP Sancharsathi, CyberDost, नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल, और डायल 1930 के उपयोग पर विशेष जानकारी दी, जिससे साइबर फ्रॉड से बचाव हो सकता है। इसके अलावा, उन्होंने किसी भी वेबसाइट की प्रामाणिकता चेक करने के लिए उसके सर्टिफिकेट की जांच करने की भी जानकारी साझा की।