नवरात्रि की तैयारी: छत्तीसगढ़ के थनौद गांव में हर घर बनाता है मिट्टी की मूर्तियां, देशभर में है डिमांड

नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो रही है, और छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के थनौद गांव में इसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है। यह गांव खासतौर पर मिट्टी की मूर्तियां बनाने के लिए प्रसिद्ध है, जहां हर घर में कारीगरों द्वारा देवी-देवताओं की सुंदर मूर्तियां बनाई जाती हैं।

थनौद गांव की मिट्टी की मूर्तियों की देशभर में जबरदस्त मांग है। यहां बनी मूर्तियां केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि देश के कई राज्यों में भेजी जाती हैं। नवरात्रि, दुर्गा पूजा, गणेश उत्सव, और अन्य धार्मिक पर्वों के दौरान यहां के कलाकार अपने हुनर से मिट्टी को सुंदर प्रतिमाओं में ढालते हैं।

थनौद गांव की विशेषता यह है कि यहां की परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है। यहां के कारीगर पूरी श्रद्धा और समर्पण से मूर्तियों का निर्माण करते हैं, और उनकी कला की पहचान देशभर में है। जैसे-जैसे नवरात्रि का पर्व नजदीक आ रहा है, इस गांव में कारीगर दिन-रात काम कर रहे हैं, ताकि समय पर मूर्तियों की आपूर्ति की जा सके।

यहां की मूर्तियों की खासियत यह है कि ये पूरी तरह से इको-फ्रेंडली होती हैं, जो पर्यावरण संरक्षण के साथ धार्मिक आस्था को भी मजबूत करती हैं।