कवर्धा हिंसा: कांग्रेस का छत्तीसगढ़ बंद, व्यापारियों ने किया असहमति जताई

छत्तीसगढ़ में कवर्धा हिंसा मामले के विरोध में कांग्रेस ने 21 सितंबर, शनिवार को प्रदेशभर में बंद का आह्वान किया है। कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था और पुलिस की बर्बरता के खिलाफ यह बंद आयोजित किया जा रहा है। खासकर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कवर्धा में हुई घटनाओं और पुलिस की भूमिका को लेकर चिंता जताई है।

हालांकि, इस बंद को व्यापारियों से समर्थन नहीं मिल पाया है। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने अपनी बैठक में यह तय किया कि व्यापारियों के लिए इतने कम समय में बंद का समर्थन करना संभव नहीं है। चेम्बर का कहना है कि शॉर्ट नोटिस पर प्रदेश की दुकानें बंद करने से व्यापारियों को आर्थिक नुकसान होगा।

क्या है कवर्धा हिंसा मामला?

कवर्धा के लोहारीडीह गांव में 15 सितंबर को शिवप्रकाश उर्फ कचरू साहू की हत्या के बाद तनाव बढ़ गया था। हत्या के शक में गांव वालों ने उप सरपंच रघुनाथ साहू के घर में आग लगा दी और उन्हें जिंदा जला दिया। इस घटना के दौरान गांव में इतनी अफरा-तफरी मची कि लोगों ने पुलिस को भी गांव में घुसने नहीं दिया। पथराव में एसपी अभिषेक पल्लव समेत कई पुलिसकर्मियों को चोटें आईं।

कवर्धा हिंसा में पुलिस ने 161 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है और 60 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें प्रशांत साहू भी शामिल था, जिसकी पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। प्रशांत की मौत के बाद कांग्रेस ने पुलिस की बर्बरता का मुद्दा उठाया और इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है।

कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो चुकी है। बैज ने कहा, “जब से भाजपा की सरकार बनी है, छत्तीसगढ़ के नागरिक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं और अब यह असहनीय हो चुका है।

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