भारी बारिश से जिला अस्पताल जलमग्न, मरीजों और दवाइयों को भारी नुकसान

जिले में भारी बारिश के कारण जिला अस्पताल में जलभराव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। अस्पताल के कई महत्वपूर्ण विभागों जैसे माइनर ओटी, ओपीडी, जनरल वार्ड, महिला वार्ड और ऑपरेशन थियेटर में लगभग 3 फीट तक पानी भर गया है। यहां तक कि अस्पताल परिसर में स्थित पुलिस चौकी भी जलमग्न हो गई है।

मरीजों की चिंता बढ़ी

अस्पताल के वार्डों में पानी भरने से मरीजों के बीच डर का माहौल बन गया है। लोग चिंतित हैं कि कहीं बारिश के पानी के साथ नाले से जहरीले सांप और बिच्छू न आ जाएं। यह स्थिति मरीजों और उनके परिजनों के लिए भारी चिंता का कारण बनी हुई है।

प्रशासन की अनदेखी

अस्पताल परिसर में जलभराव की समस्या हर बार बारिश के मौसम में देखने को मिलती है। प्रशासन द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर निर्माण कार्य कराए जाने के बावजूद जलनिकासी की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं किया गया है। ड्रेनेज सिस्टम के जाम होने के कारण यह समस्या बार-बार उत्पन्न होती है, जिससे अस्पताल की सामान्य कार्यवाही बाधित हो रही है।

दवाइयों और उपकरणों को नुकसान

अस्पताल के भीतर पानी घुसने से नीचे रखी दवाइयों और अन्य चिकित्सा उपकरणों को भारी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, अस्पताल तक आने वाली सड़क पर 3 से 4 फीट पानी भर गया है, जिससे लोगों को अस्पताल तक पहुंचने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल की पार्किंग में रखी कई बाइक भी पानी में डूब गई हैं, जिससे वाहन मालिकों को भी नुकसान हुआ है।

समय पर कदम न उठाने पर होगा भारी नुकसान

स्थिति को देखते हुए यह स्पष्ट है कि अगर प्रशासन ने समय रहते उचित कदम नहीं उठाए, तो अस्पताल और मरीजों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। अस्पताल जैसी महत्वपूर्ण जगह पर जलभराव की यह समस्या न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित कर रही है, बल्कि मरीजों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल रही है।

समाधान की मांग

अस्पताल प्रशासन और स्थानीय नागरिकों ने जलभराव की इस समस्या को गंभीरता से लेने और तत्काल प्रभाव से उचित कदम उठाने की मांग की है। जलनिकासी व्यवस्था को सही करने के साथ-साथ ड्रेनेज सिस्टम की सफाई और मरम्मत की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।


अस्पताल जैसी जगह पर इस तरह की समस्याएं न केवल स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि प्रशासन की जिम्मेदारी पर भी प्रश्नचिह्न लगाती हैं। समय रहते समाधान न होने पर यह समस्या और गंभीर हो सकती है।

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