आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में बुडामेरु नदी के टूटने से आई बाढ़ के बाद भारतीय सेना सक्रिय रूप से मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) कार्यों में जुटी हुई है। बुडामेरु, जो विजयवाड़ा शहर से होकर गुजरती है, के किनारे टूटने से भारी तबाही मच गई है। सेना को इस बाढ़ को नियंत्रित करने और टूटे हुए हिस्सों को ठीक करने के लिए बुलाया गया।
सेना ने बुडामेरु नदी के तीन स्थानों को चिन्हित किया, जहां पहले दो स्थानों पर सिविल प्रशासन ने लगभग 10 मीटर चौड़ी दरार को भरने में सफलता पाई। लेकिन तीसरी दरार, जो लगभग 100 मीटर चौड़ी हो गई थी, पानी के दबाव के कारण और बड़ी हो गई। इस दरार ने शहर के कई हिस्सों में फिर से बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी, जबकि पहले कुछ हिस्सों से पानी हट गया था।
भारतीय सेना के इंजीनियरों की एक टीम ने इस दरार को बंद करने के लिए गेबियन बास्केट (पत्थरों से भरे पिंजरे या सिलेंडर) की दो परतें लगाई हैं। इन बास्केट्स को एक-दूसरे के ऊपर रखकर चार मीटर ऊंची दीवार बनाई जा रही है, जिसे “रॉक आर्मरिंग” के रूप में जाना जाता है। इस संरचना को और मजबूत किया जाएगा ताकि पानी के तेज दबाव को सहन कर सके और आगे की तबाही को रोका जा सके।
सेना और सिविल प्रशासन की यह संयुक्त कोशिश विजयवाड़ा शहर में स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य करने के लिए की जा रही है। हालांकि, ताजा बारिश और तीसरी दरार के कारण शहर के कुछ हिस्सों में बाढ़ का खतरा अभी भी बना हुआ है।