भारत में चिकित्सा क्षेत्र में महंगाई दर एशिया में सबसे अधिक है, जो 14% तक पहुंच गई है। यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है जब यह तथ्य सामने आता है कि देश के 71% लोग अपने स्वास्थ्य देखभाल के खर्च को अपनी जेब से वहन करते हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की जेब पर भारी बोझ डाला है। अस्पतालों, दवाइयों और जांचों की बढ़ती लागत ने लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को और भी महंगा बना दिया है। खासकर वे लोग, जिनके पास स्वास्थ्य बीमा नहीं है, उन्हें अपनी बचत या उधार लेकर इलाज कराना पड़ता है।
इस स्थिति को सुधारने के लिए स्वास्थ्य बीमा को अधिक व्यापक बनाने और सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं को मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि आम जनता को इस बढ़ती महंगाई से राहत मिल सके।