कुनो नेशनल पार्क में नामीबियाई चीता ‘पवन’ की मौत: वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को झटका

मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क (KNP) में एक और नामीबियाई चीते की मौत हो गई है। मंगलवार को अधिकारियों ने बताया कि चीता ‘पवन’, जिसे पहले ओबान के नाम से जाना जाता था, का शव पार्क में मिला। यह घटना उस समय सामने आई है जब 5 अगस्त को पांच महीने के अफ्रीकी चीते के शावक गामिनी की मौत हुई थी।

पवन की मौत का कारण

कुनो नेशनल पार्क के अधिकारी और लायन प्रोजेक्ट के निदेशक उत्तम शर्मा के कार्यालय से जारी बयान में बताया गया कि पवन का शव मंगलवार सुबह करीब 10:30 बजे झाड़ियों के बीच एक उफनते नाले के किनारे पाया गया। पशु चिकित्सकों द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में पाया गया कि चीते के शरीर का अगला हिस्सा, जिसमें उसका सिर भी शामिल था, पानी में डूबा हुआ था। शव पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं मिले।

प्रारंभिक जांच में यह संभावना जताई जा रही है कि चीते की मौत डूबने से हुई हो सकती है। हालांकि, वास्तविक कारणों का पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चल सकेगा।

पवन की रिहाई और विचरण

पवन, जिसे पहले ओबान कहा जाता था, को जंगल में छोड़े जाने से पहले एक विशेष क्षेत्र में रखा गया था। यह चीता दो बार पार्क से बाहर निकल गया था, जिसके बाद उसे एक एक्लेमेटाइजेशन बाड़े में रखा गया था। बाद में इसे कुनो नेशनल पार्क के मुक्त विचरण क्षेत्र में छोड़ दिया गया, जहां वह स्वतंत्र रूप से घूम सकता था।

कुनो नेशनल पार्क में स्थिति

पवन की मौत के बाद अब कुनो नेशनल पार्क में 24 चीते बचे हैं, जिनमें 12 वयस्क और 12 शावक शामिल हैं। पवन की मौत ने वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।

निष्कर्ष

कुनो नेशनल पार्क में लगातार हो रही चीते की मौतें वन्यजीव संरक्षण के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं। इस घटना से वन्यजीव प्रेमियों और पर्यावरणविदों के बीच चिंताएं बढ़ गई हैं। यह स्पष्ट है कि चीते जैसे दुर्लभ और संवेदनशील प्राणियों के संरक्षण के लिए अधिक सतर्कता और योजनाबद्ध दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उम्मीद है कि पवन की मौत के कारणों का पता चलने के बाद भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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