भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 28 अगस्त, 2024 को पश्चिम बंगाल में 12 घंटे के आम हड़ताल का आह्वान किया। यह बंद 26 अगस्त को राज्य सचिवालय नबन्ना तक निकाले गए मार्च के दौरान पुलिस कार्रवाई के विरोध में किया गया है। बीजेपी का आरोप है कि पुलिस ने मार्च में शामिल लोगों पर अनुचित बल प्रयोग किया, जिससे पार्टी ने यह विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया।
हड़ताल के पीछे का कारण
बीजेपी का कहना है कि राज्य सरकार के खिलाफ विरोध जताने और लोगों की आवाज उठाने के लिए यह हड़ताल आवश्यक थी। पार्टी का आरोप है कि राज्य सरकार ने पुलिस का उपयोग करके बीजेपी कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों की आवाज दबाने की कोशिश की है।
तृणमूल कांग्रेस की प्रतिक्रिया
दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस हड़ताल को बीजेपी की साजिश करार दिया। टीएमसी का दावा है कि बीजेपी राज्य में अशांति फैलाने और लोगों के दुखों का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। टीएमसी ने कहा कि बीजेपी ने इस हड़ताल का आह्वान उस समय किया है जब राज्य में एक महिला डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या को लेकर लोगों में गुस्सा और दर्द है।
हड़ताल का प्रभाव
इस 12 घंटे की हड़ताल का राज्य के विभिन्न हिस्सों में व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। सार्वजनिक परिवहन, सरकारी कार्यालय, स्कूल-कॉलेज और बाजार पर इसका असर दिख सकता है। हालांकि, टीएमसी ने इस हड़ताल को विफल करने के लिए पूरी तैयारी की है और राज्य की जनता से इसे असफल करने की अपील की है।
राजनीतिक संघर्ष
बीजेपी और टीएमसी के बीच का यह राजनीतिक संघर्ष अब राज्य की सड़कों पर भी देखने को मिल रहा है। जहां एक तरफ बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रही है, वहीं टीएमसी इसे सिर्फ एक राजनीतिक चाल के रूप में देख रही है।
निष्कर्ष
पश्चिम बंगाल में इस तरह की राजनीतिक खींचतान नई बात नहीं है, लेकिन इस बार का विरोध एक संवेदनशील मुद्दे पर आधारित है, जो राज्य की जनता के लिए गंभीर है। हड़ताल के बाद की स्थिति और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं यह निर्धारित करेंगी कि इस संघर्ष का अगला चरण क्या होगा। दोनों दलों के बीच यह टकराव राज्य की राजनीति में एक नई दिशा ले सकता है।