सतारा सीट पर हार के बाद एनसीपी का चुनाव आयोग जाने का फैसला, चुनाव चिह्न पर उठाए सवाल

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राजनीतिक दल सीटवार हार-जीत का विश्लेषण करने में जुटे हैं। इस कड़ी में महाराष्ट्र की सतारा लोकसभा सीट पर हुई हार को लेकर शरद पवार की एनसीपी भी विचार-विमर्श कर रही है। बीजेपी उम्मीदवार की जीत के बाद शरद पवार की पार्टी ने चुनाव आयोग जाने का फैसला किया है। पार्टी का दावा है कि उनके चुनाव चिह्न जैसा सिंबल निर्दलीय उम्मीदवार को भी आवंटित कर दिया गया था, जिससे मतदाता भ्रमित हो गए और वोटों का विभाजन हो गया। इसके कारण उनके उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, कई अन्य सीटों पर भी इस चुनाव चिह्न को लेकर पार्टी ने सवाल उठाए हैं।

सतारा लोकसभा सीट से शिवाजी महाराज के 13वें वंशज उदयनराजे प्रतापसिंह भोसले ने बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज की है। उन्होंने एनसीपी (शरद पवार गुट) के उम्मीदवार शशिकांत जयवंतराव शिंदे को 32,771 वोटों के अंतर से हराया। उदयनराजे भोसले को 5,71,134 वोट मिले, जबकि एनसीपी के शशिकांत को 5,38,363 वोट प्राप्त हुए। जिस निर्दलीय उम्मीदवार के चुनाव सिंबल पर शरद पवार की पार्टी ने ऐतराज जताया है, उसे 37,000 से अधिक वोट मिले। चुनाव आयोग ने इस निर्दलीय उम्मीदवार को ‘पिपानी’ (तुरही) चुनाव चिह्न आवंटित किया था।

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