देहरादून । उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा को लेकर तैयारियों में तेजी आ गई है। सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कई जरूरी योजनाओं पर काम शुरू कर दिया है। जोशीमठ की दरारों से बनी स्थिति के बीच चारधाम यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा कराने की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। इस क्रम में उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने चार धाम यात्रा मार्ग में तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य जांच के लिए विशेष इंतजाम करने का फैसला लिया है। वर्ष 2022 में कोरोना संक्रमणकाल के बाद पहली बार तीर्थयात्रा शुरू हुई तो चारधाम यात्रा में भारी भीड़ उमड़ी थी। विशेषज्ञों ने इसे रिवेंज टूरिज्म तक का नाम दे दिया था। इस दौरान बीमार लोग भी यात्रा में पहुंच गए। कई लोगों को यात्रा के दौरान जान भी गंवानी पड़ी। इस प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए इस बार धामी सरकार ने चार धाम यात्रा मार्ग पर 50 हेल्थ कियोस्क बनाने का निर्णय लिया है। उत्तराखंड में प्रसिद्ध चार धाम यात्रा की शुरुआत 22 अप्रैल से होने जा रही है।
उत्तराखंड सरकार की ओर से महाशिवरात्रि के दिन तारीखों के संबंध में विधिवत ऐलान किया गया। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल को परंपरा के अनुसार खोले जाएंगे। वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल और बद्रीनाथ धाम पवित्र मंदिर के कपाट 27 अप्रैल को खोले जाएंगे। इस दौरान यात्रियों की सभी सुविधाओं को विकसित करने का फैसला लिया गया है। यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए सरकार की ओर से इंतजामों को पुख्ता किया जा रहा है।चारधाम यात्रा के लिए स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने शनिवार को आईटी फर्म हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज के साथ एमओयू किया है। इसके तहत यात्रा मार्ग के साथ 50 बिंदुओं पर तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए कियोस्क खोले जाएंगे। सरकार के इस फैसले से डायग्नोस्टिक उपकरणों के साथ वन-स्टॉप डिजिटल टच-पॉइंट इंटीग्रेटेड बिल्ट-इन हेल्थकेयर कियोस्क स्थापित करने में मदद मिलेगी। इन कियोस्क को उन स्थानों पर स्थापित किया जाएगा, जहां तीर्थयात्री आमतौर पर तीर्थयात्रा के समय ब्रेक लेते हैं। एक अधिकारी ने मीडिया से कहा कि कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी और पल्मोनरी से संबंधित लगभग सभी महत्वपूर्ण परीक्षणों की सुविधा और इलाज इन कियोस्क में मिल सकेंगे।अधिकारी ने कहा कि ये कियोस्क एक हेल्थ एटीएम की तरह हैं, क्योंकि वे टच-स्क्रीन हार्डवेयर से लैस हैं। यह किसी भी इंटरनेट से जुड़े वेब ब्राउजर के माध्यम से सभी व्यक्तिगत स्वास्थ्य जानकारी देंगे। उत्तराखंड की डीजी स्वास्थ्य विनीता शाह ने कहा कि करीब 15 मिनट में एक तीर्थयात्री लगभग 70 वाइटल पैरामीटर जैसे ब्लड ग्लूकोज, ब्लड प्रेशर, इनवेसिव और नॉन-इनवेसिव हार्ट चेकअप आदि के परीक्षण के परिणाम प्राप्त कर सकेगा। उन्होंने कहा कि ये ऑटोमेटिक मशीनें पैथोलॉजिकल परीक्षण करेंगी और दवा भी देंगी। वे तीर्थयात्रियों को डॉक्टरों से परामर्श करने में मदद करेंगी। उनके पास टेलीमेडिसिन परामर्श की भी सुविधा होगी।